Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

दिल्ली में आप की प्रचंड जीत, भाजपा-कांग्रेस का सूपड़ा साफ

हमें फॉलो करें दिल्ली में आप की प्रचंड जीत, भाजपा-कांग्रेस का सूपड़ा साफ
नई दिल्ली , मंगलवार, 10 फ़रवरी 2015 (19:28 IST)
नई दिल्ली। मोदी के विजय रथ को रोकते हुए आम आदमी पार्टी ने आज दिल्ली विधानसभा चुनावों में 70 में से 67 सीटों पर जीत दर्ज कर भाजपा को महज तीन सीटों पर समेट दिया और कांग्रेस का पूरी तरह सफाया कर दिया।
मोदी के लिए रायशुमारी माने जा रहे इस चुनाव में आप ने भाजपा और कांग्रेस के दिग्गजों को उनके ही गढ़ में करारी शिकस्त देकर एक नई इबारत लिख दी। भाजपा नेताओं ने चुनावी हार को झटका मानते हुए इसे स्वीकार किया लेकिन इन सुझावों को मानने से इंकार कर दिया कि ये परिणाम मोदी सरकार के प्रदर्शन पर जनादेश हैं।
 
आप द्वारा हासिल की गई यह उपलब्धि दिल्ली के लिए अपने आप में कीर्तिमान है। विगत में शायद ही किसी राज्य में ऐसा देखने को मिला हो। केवल 1989 में सिक्किम संग्राम परिषद ने विधानसभा की सभी 32 सीटें जीती थीं।
 
राजस्व सेवा के पूर्व अधिकारी तथा आप के चुनावी समर के चेहरा बने अरविन्द केजरीवाल ने स्वयं नई दिल्ली विधानसभा सीट से अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा की नूपुर शर्मा को 31500 मतों के भारी अंतर से पराजित किया। इस सीट पर तीसरे स्थान पर रहीं पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस प्रत्याशी किरण वालिया को महज 4700 वोट मिले और वह अपनी जमानत भी नहीं बचा पाईं।
 
चुनाव परिणाम आने के बाद हुई आप की विधायक दल की बैठक में केजरीवाल को नेता चुना गया। भाजपा के लिए सबसे बड़ा झटका उसकी मुख्यमंत्री पद की प्रत्याशी किरण बेदी का पारंपरिक रूप से भाजपा का गढ़ मानी जाने वाली कृष्णा नगर विधानसभा सीट से हार जाना रहा। उन्होंने यह सीट दो हजार से अधिक मतों से गंवाई। इस सीट से भाजपा के वरिष्ठ नेता हर्षवर्धन कई बार भारी अंतर से जीतते रहे हैं।
 
कांग्रेस के मुख्यमंत्री प्रत्याशी अजय माकन को सदर बाजार सीट पर राजनीति में नवागंतुक आप के सोमदत्त के हाथों 50 हजार मतों से अधिक के अंतर से भीषण पराजय झेलनी पड़ी। उनके लिए यह पराजय इसलिए भी भारी पड़ गई क्योंकि वे अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए। 
 
माकन ने चुनावी पराजय की जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए कांग्रेस महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया। चुनावी समर में पराजय झेलने वालों में भाजपा नेता जगदीश मुखी, रामवीर सिंह बिधूड़ी एवं कृष्णा तीरथ तथा कांग्रेस के नेता एवं पूर्व मंत्री एके वालिया, हारुन यूसुफ, चौधरी प्रेम सिंह एवं राजकुमार चौहान शामिल हैं। कांग्रेस के पूर्व सांसद महाबल मिश्रा भी इस बार चुनाव हारने वालों में शामिल हैं।
 
केजरीवाल रामलीला ग्राउंड पर 14 फरवरी को शपथ लेंगे। आप नेता मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के ठीक एक साल बाद इसी मैदान में शपथ लेंगे। इंडिया अगेंनस्ड करप्शन के परचम तले रामलीला मैदान में ही भ्रष्टाचार के विरुद्ध आंदोलन किया गया था।
 
आप की इस विजय ने सिक्किम संग्राम पार्टी द्वारा विधानसभा की सभी 32 सीटों के जीतने और 2010 में जदयू-भाजपा गठबंधन द्वारा बिहार विधानसभा की 243 में 206 सीटें जीते जाने की याद ताजा कर दी।
 
तमिलनाडु के 1991 के विधानसभा चुनाव में अन्नाद्रमुक-कांग्रेस गठबंधन ने राज्य की 234 में से 225 सीटें जीती थीं जबकि द्रमुक-कांग्रेस गठबंधन ने इसके बाद हुए विधानसभा चुनाव में 234 में से 221 सीटें जीती थीं।
 
दिल्ली में मतदान के रुझान में आप की शानदार विजय के संकेत स्पष्ट हो जाने के साथ ही मोदी ने केजरीवाल को फोन पर जीत की बधाई दी। उन्होंने केजरीवाल को आश्वासन दिया कि दिल्ली के विकास में केन्द्र पूर्ण सहयोग देगा। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi