श्रीनगर। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने आज कहा कि दिल्ली विधानसभा के चुनावों के नतीजे सभी राजनीतिक दलों के लिए स्पष्ट और प्रबल संदेश हैं कि ‘जनता सर्वोच्च है’।
बहरहाल, पीडीपी ने इस संभावना को खारिज कर दिया है कि जम्मू्-कश्मीर में सरकार बनाने के लिए भाजपा के साथ उसके गठबंधन पर इन नतीजों का कोई असर पड़ेगा।
पीडीपी के प्रमुख प्रवक्ता नईम अख्तर ने बताया, ‘यह सभी राजनीतिक दलों के लिए स्पष्ट और प्रबल संदेश है कि जनता सर्वोच्च है। उन्होंने समय-समय पर यह दिखाया है और उनके पास इसके लिए अपने कारण हैं।’
जब उनसे पूछा गया कि क्या दिल्ली चुनावों के नतीजे का कोई प्रभाव जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने के लिए उसके भाजपा के साथ गठबंधन पर पड़ेगा तो अख्तर ने कहा कि ये दोनों मुद्दे आपस में जुड़े नहीं हैं।
आप दिल्ली के चुनावों में बाकी सभी दलों का सूपड़ा साफ कर देने वाली भारी जीत की ओर बढ़ रही है। इसने भाजपा को दस से भी कम सीटों में समेट दिया है। आप को दिल्ली चुनावों में 70 में से 66 सीटें निश्चित तौर पर मिल रही हैं।
उन्होंने कहा, ‘सरकार गठन पर भाजपा के साथ हमारी बातचीत जम्मू-कश्मीर की बेहतरी और विकास के लिए है। दिल्ली चुनाव और यहां सरकार गठन एक दूसरे से जुड़े नहीं हैं।’
पीडीपी प्रवक्ता ने कहा कि सरकार गठन के लिए भाजपा के साथ ठोस वार्ताएं अभी शुरू नहीं हुई हैं। ‘हमने जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए अपनी रूपरेखा दे दी है। वार्ताएं जारी हैं और हमें उम्मीद है कि हम एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर सहमति बना लेंगे।’
पीडीपी और भाजपा ने जम्मू-कश्मीर में राज्यसभा चुनावों के लिए सीटों के बंटवारे की एक व्यवस्था की थी। क्षेत्रीय दल ने दो सीटें जीती थीं जबकि केंद्र की सत्ताधारी पार्टी और विपक्षी कांग्रेस को एक-एक सीट मिली थी।
राज्यसभा चुनावों के लिए दोनों दलों के बीच की समझदारी ने संकेत दे दिए थे कि राज्य विधानसभा की एकमात्र सबसे बड़ी पार्टी और दूसरी सबसे बड़ी पार्टी यानी पीडीपी और भाजपा राज्य में सरकार के गठन की प्रक्रिया को तेज करेंगी।
उल्लेखनीय है कि 23 दिसंबर को जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनावों के नतीजे आने पर त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति पैदा हो गई और राज्य में आठ जनवरी से राज्यपाल शासन लागू है। (भाषा)