नई दिल्ली। राजधानी में शनिवार को चुनाव संपन्न हुए। अब तक करीब 60 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, लेकिन इस बीच कई पाकिस्तान हिन्दू ऐसे भी हैं, जिन्हें अभी भी भारत की नागरिकता का इंतजार है।
उत्तरी दिल्ली में मजनूं का टीला इलाके के मतदान केंद्र में मतदाओं की लंबी कतारें लगी थीं, लेकिन वहीं पाकिस्तान से आए और यहां शरण लेने वाले करीब 750 हिन्दू परिवार के सदस्य इस चुनाव में हिस्सा नहीं ले सके।
ये लोग चुनाव से अलग अपने दूसरे ही कामों में लगे हुए थे। बच्चे धूल-मिट्टी में खेल रहे थे तो महिलाएं रोजमर्रा के घरेलू कामों में व्यस्त थीं। हालांकि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) से उन्हें जल्दी ही मताधिकार और भारत में स्थाई तौर पर रहने की उम्मीद जागी है।
साल 2013 में सिंध से दिल्ली आए 484 पाकिस्तानी हिन्दू परिवारों के समूह के मुखिया 43 साल के धर्मवीर बागरी ने बताया कि ‘चुनाव आते-जाते रहते हैं लेकिन हमारी जिंदगी में कोई फर्क नहीं आता, उम्मीद करता हूं कि आने वाले चुनावों में मैं अपने परिवार के 10 सदस्यों के साथ मतदान कर सकूंगा।
उन्होंने कहा कि हमने आज तक इस क्षेत्र में किसी नेता या पार्टी कार्यकर्ता को आते नहीं देखा है। वे आएंगे भी क्यों? हमारे पास मतदाता पहचान पत्र नहीं है, हम वोट नहीं डाल सकते’
प्रेमजी (46) कहते हैं- हमें बस जमीन का एक टुकडा और एक मकान मिल जाए, जहां हम अपना परिवार बसा सकें तो ऊपर वाले के शुक्रगुजार रहेंगे।