विनोद अग्निहोत्री, राजनीतिक संपादक
पाँच राज्यों के विधानसभा चुनावों में तीन राज्यों राजस्थान, दिल्ली और मिजोरम में जीत से जहाँ कांग्रेसी नेताओं के चेहरे खिले हुए हैं, वहीं मुंबई हमलों से आहत कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने सोमवार को किसी भी बड़े नेता से जीत की बधाई नहीं ली।
साथ ही वह इन नतीजों से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं। उन्हें तीन राज्यों में जीत की जितनी खुशी है, उससे ज्यादा अफसोस मध्यप्रदेश और छत्तीसग़ढ़ में भाजपा को सत्ता से बेदखल न कर पाने का है।
इसीलिए सोमवार को जब चुनाव नतीजे आ रहे थे, तब कई नेताओं ने सोनिया से मिलकर उन्हें बधाई देने की कोशिश की लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष किसी भी बड़े नेता से नहीं मिलीं।
दिल्ली की मुख्यमंत्री और कुछ कांग्रेसी विधायक से मिलकर सोनिया गाँधी ने उनकी बधाई जरूर स्वीकार की।
दस जनपथ के नजदीकी एक नेता ने बताया कि मुंबई पर आतंकवादी हमलों के बाद से ही सोनिया बेहद आहत हैं। इसीलिए उन्होंने नौ दिंसबर को अपना जन्मदिन भी न मनाने का फैसला किया है।
मंगलवार को वह सादगी से मुलाकातियों से सिर्फ मौखिक बधाई लेंगी। उन्होंने साफ कह दिया है कि जन्मदिन पर उनके निवास पर कोई जश्न,आतिशबाजी या ढोल नगाड़े नहीं बजाए जाएँ। इस नेता के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष को पूरी उम्मीद थी कि राजस्थान के साथ मध्य प्रदेश और छत्तीसग़ढ़ में भी जीत मिलेगी।
मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सुरेश पचौरी और छत्तीसग़ढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी से उन्हें यही जानकारी मिल रही थी। हालाँकि उनके राजनीतिक सचिव अहमद पटेल ने उन्हें कहा था कि दिल्ली और राजस्थान में तो पार्टी की जीत तय है,लेकिन मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में काँटे का मुकाबला है। नतीजों ने सोनिया को चौंका दिया। (नईदुनिया)