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जाम और प्रदूषण से मिले मुक्ति

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- सतेन्द्र त्रिपाठी, नई दिल्ली। हमारी दिल्ली सबसे अच्छा शहर बने। प्रदूषण का नामों-निशान न हो। न जाम का झंझट और न बिजली पानी की किल्लत। सब लोगों खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें। नेता अपनी सुरक्षा पर कम और जनता की सुरक्षा पर ज्यादा ध्यान दें। कुछ ऐसी ही आशाएं है लोगों की आने वाली सरकार से।

अंबेडकर कालेज के रीडर आर.बी. सोलंकी कहना है कि नई सरकार को प्रदूषण की समस्या को प्राथमिकता से निपटना चाहिए। दिल्ली बढ़ती आबादी के साथ-साथ बढ़ती समस्याओं को लेकर कोई योजना बनानी चाहिए, जिससे दिल्ली के रहन-सहन का स्तर ऊंचा उठ सकें। सेंट स्टीफंस स्कूल पीतमपुरा की शिक्षिका संतोष शर्मा कहती है पब्लिक स्कूलों में तो फिर भी सुरक्षा गार्ड रहते हैं, सरकारी स्कूलों की सुरक्षा तो एकदम रामभरोसे है।

इसके साथ ही वह इस बात पर भी बल देती है कि विकास की गति रुकनी चाहिए। वह इसी तरह निरंतर चलती रहनी चाहिए। स्वास्थ्य विहार निवासी शांति देवी कहती है कि सरकार को ऐसे जतन करने होंगे कि आम आदमी आसानी से अपनी रोजी-रोटी कमा सकें। गरीबी को खत्म करने के लिए कुछ करना चाहिए। जनता की हर सुविधा के लिए कदम उठाने होंगे। बिजली-पानी की समस्या खत्म हो।

शास्त्री पार्क के प्रतुर्ल चक्रवर्ती का कहना है कि दिल्ली में आए दिन जाम से हालत ऐसी हो गई है कि सड़क पर निकलने का मन नहीं करता है। वाहन दिनों-दिन बढ़ते जा रहे है और सड़कों पर व्यवस्था है नहीं। सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे। सुरक्षा का माहौल लोगों को मिले, हर सरकार की यह प्राथमिकता होनी चाहिए। म्यूजिकल गुप्र के संचालक राजकुमार जैन का मानना है कि अब आतंकवाद की चिंगारी से भी स्कूलों को भी डर है कि अगर किसी दिन आतंकी किसी स्कूल में घुस गए तो क्या होगा। नेताओं को अपनी सुरक्षा से ज्यादा जनता की सुरक्षा के बारे में सोचना चाहिए।

मेट्रो में कार्यरत संजय तोमर का कहना है कि नई सरकार को दिल्ली को ऐसा रोल मॉडल बनाना चाहिए, जिसे विदेशी भी देखते रह जाए। कॉमनवेल्थ गेम्स को लेकर देश की प्रतिष्ठा अच्छी बननी चाहिए। इन खेलों का आयोजन ऐसा हो, जैसा कि चीन ने करके दिखाया है।

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