ऐसे 15 विधायक हैं, जिन्होंने चौथी बार विधानसभा चुनाव जीता है, लेकिन इस मामले में कांग्रेस के रामवीरसिंह विधूड़ी कुछ दुर्भाग्यशाली रहे और वे चौथी बार चुनाव जीतने में नाकाम रहे।
विधूड़ी बरदपुर से बसपा के नेता जी. रामसिंह से हार गए। रामसिंह ने टिकट न मिलने पर कांग्रेस छोड़ दी थी और वे बसपा में शामिल हो गए। विधूड़ी ने चुनावों से पहले ही कांग्रेस का हाथ थामा था।
मंत्री राजकुमार चौहान (मंगोलपुरी), हारून यूसुफ (बल्लीमरान), स्पीकर चौधरी प्रेमसिंह (अंबेडकरनगर), परवेज हाशमी (ओखला) और चौधरी मतीन अहमद (सीलमपुर) इस श्रेणी के प्रमुख नेता हैं।
भाजपा के दिल्ली प्रमुख हर्षवर्धन (कृष्णा नगर), विपक्ष के नेता जगदीश मुखी (जनकपुरी), हरचरणसिंह बलली (हरि नगर), जय भगवान अग्रवाल (रोहिणी) और ओपी बब्बर (तिलक नगर) ने भी चौथी बार चुनाव जीता है।
विधानसभा के डिप्टी स्पीकर शोएब इकबाल (मटिया महल) ने भी चौथी बार लगातार चुनाव जीता। ओखला सीट पर मुश्किल से जीतने वाले हाशमी इस चुनाव में राज्य में सबसे कम मतों से विजय हासिल करने वाले उम्मीदवार हैं। उन्होंने मात्र 400 मतों से जीत दर्ज की है।
ओखला में चुनाव प्रचार के दौरान जामिया नगर मुठभेड़ का मामला काफी छाया रहा, जिसमें संप्रग की सहयोगी सपा के खिलाफ प्रचार करने में लगी रही।