मतदान के लिए हालांकि चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित दिशानिर्देश ही चलते हैं, लेकिन राजधानी में 29 नवंबर को मतदान केन्द्रों पर अपना अपना कानून चला। एक ओर जहाँ मतदान अभिकर्ता से लेकर मतदान केन्द्र अधिकारियों ने कानून को अपने हिसाब से लागू किया, दूसरी ओर सभी मतदान केन्द्रों पर ऐसे पुलिसकर्मी और अधिकारी नजर आए जिन्हें चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित नियम कानून के बारे में कुछ पता ही नहीं था। कई अधिकारी और मतदान केन्द्र कर्मी तो चुनाव आयुक्त को भी बुराभला कहते नजर आऐ।
पूरे दिन अलग अलग मतदानकेन्द्रों पर दिल्ली पुलिस के जवान मीडियाकर्मियों से प्रवेश के नाम पर झगड़ा करते नजर आए। उन्हें मालूम ही नहीं था कि चुनाव आयोग ने मतदानकेन्द्र में जाने के लिए पत्रकारों को कोई परिचय पत्र जारी किए हैं। कई पुलिसकर्मी तो इन परिचयपत्रों को कौतूहल से देखते नजर आऐ।
आदर्श नगर विधानसभा क्षेत्र के एक मतदान केन्द्र पर एक मतदाता के साथ ऑब्जर्वर की कहासुनी हो गई। ऑब्जर्वर महोदय ने मतदाता से पहचान पत्र मांग लिया था। इसके पश्चात यहाँ इलाके के एसीपी पहुँच गए। इस मतदान केन्द्र पर तैनात निरीक्षक महोदय को नहीं मालूम था कि मीडियाकर्मी मतदान केन्द्र में जा सकते हैं। इसके बाद जब यहाँ उपस्थित एसीपी महोदय को बताया गया तो पहले तो उन्होंने भी प्रवेश देने से मना कर दिया लेकिन जब उन्हें जोर देकर परिचय पत्र पर प्रवेश के अधिकार के बारे में दिखाया गया, तब ही उन्होंने अंदर प्रवेश की अनुमति दी।
वजीरपुर विधानसभा क्षेत्र के वीरांगना झलकारी देवी सर्वोदय विद्यालय पर नियुक्त मतदान केन्द्र अधिकारी ने तो मीडियाकर्मियों के लिए जारी प्रेस कार्डों को मानने से ही मना कर दिया। इस मतदान केन्द्र पर वे इलैक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के साथ छेड़छाड़ में व्यस्त थे। जब उनसे इसके बारे में पूछा गया तो वे तमतमा गए और मीडियाकर्मियों को बाहर जाने के लिए कहा। (नईदुनिया)