नई दिल्ली। जनलोकपाल की मांग को लेकर समाजसेवी अन्ना हजारे की अगुवाई में आंदोलन के बूते बनी आम आदमी पार्टी (आप) कांग्रेस की गांधी टोपी पर कब्जा जमाने में भी कामयाब हो गई है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ करने में 'आप' की अहम भूमिका रही। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुमान के विपरीत 'आप' के कारण भाजपा को नहीं, बल्कि कांग्रेस का सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। चुनाव के दौरान यही अनुमान व्यक्त किया जाता रहा कि 'आप' के कारण भाजपा को सबसे ज्यादा नुकसान होगा लेकिन नतीजों के आगे ये अनुमान धराशायी हो गए।
जनलोकपाल आंदोलन के दौरान अन्ना हजारे की गांधी टोपी एक बार फिर देश की राजनीति में अपनी पहचान बनाने में कामयाब हुई थी। पूरे आंदोलन के दौरान अन्ना समर्थकों ने टोपी पर लिखा- 'मैं अन्ना हूं... जनलोकपाल चाहिए...।' यह अलग बात थी कि खुद अन्ना की गांधी टोपी पर ऐसा कोई नारा नहीं लिखा मिला।
बदलते वक्त के साथ अन्ना के घनिष्ठ सहयोगी अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी बनाई तो अन्ना ने उससे नाता नहीं रखा। यही नहीं, अन्ना ने केजरीवाल को दो-टूक कहा कि 'आप' किसी भी सूरत में उनके नाम का इस्तेमाल नहीं करेगी और न ही उसकी आड़ में कोई राजनीतिक फायदा उठाएगी।
अन्ना समर्थकों को बुरा लगा लेकिन अरविंद केजरीवाल ने गांधी टोपी नहीं उतारी अलबत्ता उस पर लिखवा दिया- 'मैं आम आदमी हूं'। दिल्ली में पूरे चुनाव प्रचार के दौरान 'आप' के कार्यकर्ता गांधी टोपी पहनकर प्रचार करते रहे और लाखों टोपियां गली-मोहल्ले चौराहे और चुनावी सभाओं में बांटते रहे।
चुनाव में मिली भारी सफलता के बाद 'आप' कार्यकर्ताओं के साथ उसके समर्थकों को भी गांधी टोपी खूब भाई और वे उसे पहनकर दिल्ली के हर गली-मोहल्ले में जश्न मनाते दिखे। (वार्ता)