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एसएमएस पर चुनाव आयोग की नजर

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नई दिल्ली , शनिवार, 9 नवंबर 2013 (11:17 IST)
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नई दिल्ली। दिल्ली चुनाव आयोग ने शुक्रवार को सभी मोबाइल सेवा प्रदाताओं से कहा कि विधानसभा चुनावों से 48 घंटे पहले एक साथ काफी संख्या में 'राजनीतिक' एसएमएस भेजने पर रोक लगाई जाए ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि राजनीतिक दल इस दौरान मतदाताओं को प्रभावित नहीं कर सकें।

आयोग भी विधानसभा चुनावों से पहले विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा काफी संख्या में भेजे जाने वाले एसएमएस पर नजर रखेगा ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि वे मतदाताओं को लुभा नहीं सकें या आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं कर सकें।

ऑपरेटरों को निर्देश दिया गया है कि राजनीतिक दलों द्वारा काफी संख्या में एसएमएस बुकिंग के बारे में वे चुनाव आयोग को सूचित करें ताकि इस सिलसिले में खर्च धन का उपयुक्त आकलन हो सके और इसे संबंधित राजनीतिक दल या उम्मीदवार के खर्च के खाते में जोड़ा जा सके। आयोग ने इस सिलसिले में शुक्रवार को सभी बड़े मोबाइल सेवा प्रदाताओं के साथ बैठक की।

दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी विजय देव ने कहा कि हमने मोबाइल सेवा प्रदाताओं से कहा है कि सुनिश्चित करें कि चुनाव से 48 घंटे पहले वे राजनीतिक दलों द्वारा काफी संख्या में बुक कराए गए एसएमएस को नहीं भेजें। ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया है कि वे चुनाव से पहले मतदाताओं को प्रभावित नहीं कर सकें।

जहां तक संदेशों की विषय वस्तु की निगरानी का सवाल है तो दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ के एक अधिकारी को नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है। विशेष मुख्य चुनाव अधिकारी शूरबीर सिंह ने कहा कि अधिकारी का काम यह सुनिश्चत करना होगा कि आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं हो। मोबाइल सेवा प्रदाताओं से भी कहा गया है कि वे सुनिश्चित करें कि बिना उपयुक्त जांच के सिम कार्ड जारी नहीं किए जाएं।

उन्होंने कहा कि सामान्यतया गौर किया गया है कि चुनावों से ठीक पहले सिम कार्ड की बिक्री बढ़ जाती है और फर्जी पहचान पत्र पर खरीदे गए नम्बरों का प्रयोग धमकी देने या अन्य असामाजिक गतिविधियों में किया जाता है।

उन्होंने कहा कि सेवा प्रदाताओं को सुनिश्चित करना होगा कि बाजार में पहले से एक्टिवेट सिम कार्ड नहीं बेचे जाएं। अगर इस तरह का कोई मामला हमारे संज्ञान में आता है तो न केवल डीलर या वेंडर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी बल्कि कंपनी के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। (भाषा)

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