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जहर फैला रहे हैं मोदी और भाजपा : सोनिया

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान के जोर पकड़ने के बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नरेंद्र मोदी और भाजपा पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि वे अपनी संकीर्ण विचारधारा के जरिए जहर फैला रहे हैं। सोनिया ने कांग्रेस नेतृत्व और विकास के मुद्दे पर दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित पर भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के तीखे हमलों को खारिज कर दिय।

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी के 15 साल के शासन के दौरान दिल्ली की बदली तस्वीर को नकारने के लिए वह आंखें बंद कर रहे हैं और झूठ का सहारा ले रहे हैं। इस सभा में शीला दीक्षित भी मौजूद थीं। पिछले हफ्ते दक्षिणपुरी में राहुल गांधी के भाषण के दौरान भीड़ के लौटने की स्थिति से असहज स्थिति का सामना कर रही कांग्रेस ने इस बार कोई चूक नहीं की थी और काफी सजग थी।

मैदान में उत्साह से भरी भीड़ एकत्र थी और उनके भाषणों के दौरान उनके पक्ष में नारेबाजी की जा रही थी। सोनिया ने अपने 12 मिनट के हिंदी भाषण में उत्तर भारत में प्रचलित कहावतों का भी इस्तेमाल किया। उनके भाषण में व्यंग्यात्मक लहजा भी दिखा। उन्होंने जनता को ऐसे लोगों से आगाह किया जो सत्ता में आने के लिए उन्हें गुमराह कर रहे हैं।

सोनिया ने लोगों से कहा कि वे कांग्रेस द्वारा किए गए कार्यों के आधार पर उसमें तथा अन्य दलों में अंतर करें। उन्होंने कहा कुछ संकीर्ण विचारधारा वाले लोग हैं जो अपने संकीर्ण विचारों से जहर फैलाते हैं। ऐसे लोगों में मुख्य विपक्षी पार्टी शामिल है। लेकिन कुछ अन्य लोग भी हैं। उनसे उनकी विचारधारा के बारे में पूछने की जरूरत है। क्या आप अच्छी विचारधारा के बिना अच्छी नीतियां बना सकते हैं।

मोदी द्वारा कांग्रेस नेतृत्व की आलोचना को खारिज करते हुए सोनिया ने भावनात्मक स्वर में लोगों को महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की हत्याओं की याद दिलाई । उन्होंने विपक्ष द्वारा विगत में उन तीनों और जवाहर लाल नेहरू की आलोचना किए जाने का भी जिक्र किया।

सोनिया ने हालांकि मोदी या भाजपा का नाम नहीं लिया और उन्होंने उनका जिक्र मुख्य विपक्षी पार्टी के रूप में जिक्र किया। मुख्यमंत्री के रूप में शीला दीक्षित के कार्यकाल की सराहना करते हुए उन्होंने राज्य को विकास के मॉडल के रूप में पेश किया और विपक्ष पर दिल्ली में हुए विकास को जानबूझकर नजरअंदाज करने का आरोप लगाया।

सोनिया ने कहा, विपक्ष स्वतंत्रता के बाद से ही निराधार आरोप लगाता रहा है। क्या उन्होंने महात्मा गांधी को छोड़ा। उन्होंने उन्हें भी नहीं छोड़ा। क्या उन्होंने जवाहरलाल नेहरू को छोड़ा जो महान स्वतंत्रता सेनानी थे..? क्या उन्होंने इंदिरा गांधी को छोड़ा जिन्होंने गरीबों, अल्पसंख्यकों के लिए लगातार प्रयास किया..।

सोनिया ने कहा कि यह देश के लिए उनकी भावना थी जिसकी वजह से इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने अपने जीवन का बलिदान कर दिया। वे हमें, मनमोहन सिंह और शीला दीक्षित को कैसे छोड़ेंगे, जब उन्होंने उन लोगों को भी नहीं छोड़ा जिन्होंने राष्ट्र का निर्माण किया।

सोनिया की रैली के एक दिन पहले ही मोदी ने द्वारका इलाके में एक रैली की थी जिसमें उन्होंने शीला दीक्षित पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया था कि वह लोगों को मूलभूत सुविधाएं तक मुहैया कराने में नाकाम रही है। उनकी टिप्पणियों को खारिज करते हुए सोनिया ने कहा मैं भी दिल्ली की निवासी हूं। हम सब दिल्ली में पिछले 15 साल में हुए विकास के गवाह हैं।

उन्होंने टिप्पणी की -हाथ कंगन को आरसी क्या? उन्होंने कहा अगर कोई जानबूझकर अपनी आंखें बंद कर ले और झूठ का सहारा ले तो यह अलग बात है..दिल्ली की जनता यह सब देख रही है और वे भी स्वीकार करेंगे कि दिल्ली की तस्वीर पिछले 15 साल में बदली है। उन्होंने कहा उन्हें जिनका एकमात्र मकसद कांग्रेस की आलोचना करना है और जिन्हें सिर्फ सत्ता से मतलब है, वे इन सब को स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने इस क्रम में दिल्ली मेट्रो, ओवरब्रिज, सड़कें और शिक्षण संस्थानों का भी जिक्र किया।

मोदी द्वारा अपनी सरकार की आलोचना को अस्वीकार करते हुए शीला दीक्षित ने कहा कि देश का औसत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 8.32 प्रतिशत है वहीं दिल्ली में जीडीपी 10.33 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली देश के सबसे खुशहाल शहरों में से एक है। उन्होंने विश्वस्तरीय हवाई अड्डा, मेट्रो और वातानुकूलित बसों की मौजूदगी का जिक्र करते हुए कहा कि दिल्ली में प्रति व्यक्ति आय सालाना दो लाख रूपए से ज्यादा है जो देश में सर्वश्रेष्ठ है।

शीला दीक्षित के पुत्र और सांसद संदीप दीक्षित ने कहा कि कोई भी 1993 से 1998 के बीच के दौर की चर्चा नहीं करता जब भाजपा का शासन था। कांग्रेस में इस आशंका के बीच अरविन्द केजरीवाल की पार्टी चुनावी मुकाबले को त्रिकोणीय बना सकती है, शीला दीक्षित ने कहा कि अगर कोई गलत फैसला हो जाता है और कांग्रेस हार जाती है तो पूरे देश को इसके नतीजे भुगतने होंगे। शीला दीक्षित चौथी बार सत्ता में आने के लिए चुनाव मैदान में हैं।

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