नई दिल्ली। आगामी विधानसभा चुनावों के दौरान दक्षिण दिल्ली में पानी, भ्रष्टाचार, बढ़ती महंगाई और सफाई जैसे मुख्य मुद्दे उम्मीदवारों के भविष्य का फैसला करेंगे। दक्षिण दिल्ली ऐसी जगह है, जहां उच्चवर्गीय परिवारों के अलावा ग्रामीण भी रहते हैं।
दक्षिण दिल्ली स्थित गांवों और कॉलोनियों में रहने वाले मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों के अलावा पानी और बिजली शुल्क जैसे मुद्दे प्राथमिकता होंगे।
ग्रेटर कैलाश, वसंत कुंज, हौज खास, सफदरजंग इनक्लेव और ग्रीनपार्क जैसे इलाकों में रहने वाले उच्चवर्गीय परिवारों के लिए वाहन खड़े करने की समस्या, जलभराव, साफ-सफाई, आवासीय क्षेत्रों में वाणिज्यिक गतिविधियां बढ़ना आदि अहम मुद्दे होंगे।
ग्रीनपार्क के एक निवासी ने कहा कि हालांकि लोगों ने अब घरों में ही वाहन खड़े करने के लिए जगह बनानी शुरू कर दी है लेकिन भीड़ की समस्या अब भी बरकरार है। दक्षिण दिल्ली में ग्रेटर कैलाश, पालम, महरौली, छतरपुर, देवली, अंबेडकर नगर, संगम विहार, कालकाजी, तुगलकाबाद, बदरपुर, मालवीय नगर और आरके पुरम निर्वाचन क्षेत्र हैं।
महरौली के कुसुमपुर पहाड़ी जैसे इलाकों में महिलाओं के लिए शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नहीं हैं। यहां दवाखाने की सुविधा भी उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा खुली नालियां भी स्थानीय निवासियों के लिए परेशानी का सबब हैं।
दक्षिण दिल्ली के उन इलाकों में पानी की कोई समस्या नहीं है, जहां उच्चवर्गीय परिवार रहते हैं लेकिन संगम विहार, देवली, पालम और छतरपुर जैसे इलाकों में यह समस्या बहुत गंभीर है। इन इलाकों में मतदाताओं के पानी की आपूर्ति में सुधार और बेहतर सुविधाओं की उम्मीद में मतदान करने की संभावना है।
इन इलाकों में कुछ जगहों पर पानी की पाइप लाइन बिछाने का काम अधूरा है और कुछ जगहों पर तो पाइप लाइन की सुविधा है ही नहीं। संगम विहार के निवासियों ने कहा कि पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू किया गया था, लेकिन पूरा नहीं किया गया।
फतेहपुर के निवासियों का कहना है कि जहां पाइप लाइनें नहीं हैं वहां 3 दिनों में केवल एक बार 1 घंटे के लिए पानी आता है।
बिजली दरों, पेट्रोल और खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतें चिंता के अन्य विषय हैं। इसके अलावा महिलाओं की सुरक्षा और भ्रष्टाचार भी लोगों के लिए अहम मुद्दा हैं। (भाषा)