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महिला मतदाताओं को लुभाना नहीं होगा आसान

हमें फॉलो करें महिला मतदाताओं को लुभाना नहीं होगा आसान
नई दिल्ली , शनिवार, 9 नवंबर 2013 (15:58 IST)
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नई दिल्ली। दिल्ली में 4 दिसंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों में जब 3 राजनीतिक दल सत्तारूढ़ कांग्रेस, भाजपा और 'आप' अपना-अपना भाग्य आजमाने उतरेंगे तो उनके लिए यहां करीब 51 लाख महिला मतदाताओं को लुभा पाना आसान नहीं होगा जिन्हें लगता है कि उनकी सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है।

सरकार का दावा है कि उसने महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे को हमेशा अपनी प्राथमिकता सूची में शामिल किया है, लेकिन विशेषज्ञों और कार्यकर्ताओं को लगता है कि 16 दिसंबर को सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद कुछ संस्थागत कदम उठाए जाने के बावजूद इस मोर्चे पर कोई खास सफलता हासिल नहीं की गई है।

कार्यकर्ताओं को लगता है कि इस बार महिलाओं का समर्थन हासिल करने में राजनीतिक दलों के सामने पहले की अपेक्षा खासी दिक्कत पेश आएगी।

गैरसरकारी संगठन जागोरी की निदेशक कल्पना विश्वनाथन ने कहा कि बिजली, पानी और बुनियादी सुविधाओं से जुड़े मुद्दे ज्वलंत विषय हैं लेकिन महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा इस बार चुनावों के एजेंडे में सबसे ऊपर होगा और पहले की तरह इस बार राजनीतिक दल महिला मतदाताओं को नजरअंदाज करने का जोखिम नहीं उठा सकते।

हालांकि मुख्यमंत्री शीला दीक्षित आगामी विधानसभा चुनावों में लगातार चौथी जीत का विश्वास जता रही हैं लेकिन सामाजिक अनुसंधान केंद्र की निदेशक रंजना कुमारी का कहना है कि सत्तारूढ़ दल को महिलाओं के खिलाफ हिंसा के बढ़ते मामलों के कारण इस बार उनके गुस्से का शिकार होना पड़ेगा। (भाषा)

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