Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

'आप' कार्यकर्ताओं ने मनाया जश्न

हमें फॉलो करें 'आप' कार्यकर्ताओं ने मनाया जश्न
नई दिल्ली , रविवार, 8 दिसंबर 2013 (14:40 IST)
नई दिल्ली। राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण समझे जाने वाली दिल्ली में कांग्रेस की 15 साल पुरानी सरकार पर 'झाडू' फेरने वाली 'आम आदमी पार्टी' (आप) के खेमे में आज जश्न का माहौल रहा।

दिल्ली विधानसभा की कुल 70 सीटों पर भाग्य आजमा रहे कम से कम 810 उम्मीदवारों की 'किस्मत का पिटारा' जैसे ही खुला, आप के उम्मीदवारों की बढ़त का सिलसिला शुरू हो गया और इसके साथ ही सिर पर 'मैं आम आदमी हूं' की टोपी लगाए कार्यकर्ताओं का हुजूम पार्टी के कनाट प्लेस स्थित कार्यालय की ओर बढ़ चला।

दोपहर 12 बजे तक लगभग यह तय हो चुका था कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली 'आप' ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जिसके परिणामस्वरूप दिल्ली के चुनावी इतिहास में कांग्रेस मुख्य विपक्षी पार्टी भी नहीं रह सकेगी।

सुबह नई दिल्ली सीट से निवर्तमान मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के मुकाबले केजरीवाल के पिछड़ होने की खबर से मायूस नजर आ रहे कार्यकर्ताओं में समय के साथ जोश और जुनून बढ़ता गया, क्योंकि बाद में न केवल पार्टी के संयोजक बढ़त बना चुके थे, बल्कि पार्टी को भारी सफलता मिलती नजर आ रही थी। इसके बाद पार्टी कार्यकर्ताओं का जश्न शुरू हो गया।

'आप' के कार्यकर्ताओं की निगाहें पार्टी कार्यालय में लगे टेलीविजन सेट पर लगातार टिकी रहीं। नए-नए रुझानों के साथ कार्यकर्ताओं का जोश बढ़ता गया और भारत माता की जय और वंदे मातरम् के नारे लगते रहे। इतना ही नहीं कार्यकर्ताओं ने हाथों में झाडू ले लिए थे, जो पार्टी का चुनाव चिह्न है।

पार्टी कार्यकर्ताओं ने झाडू लहराते हुए कहा, भ्रष्टाचार और कुशासन पर झाडू चल गई। समय गुजरने के साथ ढोल-नगाड़ों का इंतजाम भी हो गया और कार्यकर्ताओं के नारे भी बदल गए। उन्होंने कहना शुरू कर दिया 'शीला को हराया है, अब मोदी को हराएंगे'। उनका इशारा 2014 में प्रस्तावित आम चुनाव की ओर था।

ऐसा नहीं कि 'आप' के कार्यकर्ताओं का जोश केवल पार्टी मुख्यालय के पास ही देखने को मिला, बल्कि हजारों की संख्या में ये राजधानी के विभिन्न हिस्सों में जश्न मनाते नजर आए। कुछ मतगणना केंद्रों के आसपास भी जोश से लबरेज पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों का हुजूम दिखाई दिया।

जन लोकपाल कानून तथा भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई की बुनियाद पर केजरीवाल ने एक वर्ष पहले ही पार्टी का गठन किया था और उन्होंने शुरू में केवल दिल्ली में चुनाव लड़ने का फैसला किया था। उन्होंने चरणबद्ध तरीके से पार्टी को आगे बढ़ाया और अप्रत्याशित सफलता हासिल की। (वार्ता)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi