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दिल्ली के 25 विधायकों पर आपराधिक मामले

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नई दिल्ली , सोमवार, 9 दिसंबर 2013 (22:21 IST)
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नई दिल्ली। दिल्ली की 70 सदस्‍यीय विधानसभा में पहुंचे विधायकों में से कुल 25 के खिलाफ आपराधिक मामले हैं। इनमें सबसे ज्यादा 17 विधायक भाजपा के हैं। 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में 22 विधायक दोबारा जीते हैं। इनमें से 15 के खिलाफ आपराधिक मामले हैं।

भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हर्षवर्धन सहित उसके 50 प्रतिशत से ज्यादा विधायक आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं।

भाजपा के कुल 31 उम्मीदवार हालिया दिल्ली विधानसभा चुनाव में विजयी रहे हैं। इनमें से 17 के खिलाफ आपराधिक मामले हैं और इनमें भी 13 के खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास और महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे गंभीर आपराधिक आरोप हैं। चुनावी और राजनीतिक सुधारों के क्षेत्र में काम करने वाले एक गैर सरकारी संगठन की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

रिपोर्ट के अनुसार दोबारा विधायक चुने गए 15 उम्मीदवारों में से 10 ने 2008 में ही अपने खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों का खुलासा कर दिया था। 2008 के पिछले विधानसभा चुनाव के समय आपराधिक मामलों वाले विधायकों की संख्या 29 थी।

पहली बार चुनाव मैदान में उतरी आम आदमी पार्टी के तीन विधायकों पर आपराधिक मामले लंबित हैं। कांग्रेस के दो और शिरोमणि अकाली दल और जदयू के एक-एक तथा एक निर्दलीय विधायक ने भी अपने खिलाफ आपराधिक मामले लंबित होने का खुलासा किया था।

एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफार्मस की एक रिपोर्ट के मुताबिक आपराधिक मामलों वाले 25 विधायकों में से 20 के खिलाफ हत्या का प्रयास, डकैती और महिलाओं के खिलाफ हमले जैसे गंभीर अपराध हैं।

ओखला से कांग्रेस के विधायक आसिफ मोहम्मद खान ने उनके खिलाफ हत्या के प्रयास के आरोप का खुलासा किया था, जबकि हर्षवर्धन सहित तीन विधायकों के खिलाफ महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले हैं।

भाजपा के मोहन सिंह बिष्ट और जय कृष्ण के खिलाफ भी महिलाओं के शील हरण के इरादे से उन पर आपराधिक बल प्रयोग अथवा हमला करने जैसे संगीन आरोप हैं।

अरविंद केजरीवाल सहित 'आप' के तीन नेता आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं। इनमें मनीष सिसौदिया और राजेश गर्ग रोहिणीवाला शामिल हैं। इन तीनों पर दंगा, लोकसेवकों के कार्य निर्वाह में बाधा डालना और अन्य आरोप हैं। (भाषा)

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