नई दिल्ली। तंग गलियों, ठसाठस खड़ी असुरक्षित इमारतों और चरमराती अवसंरचना के बीच जगह तलाशती एक बड़ी जनसंख्या। यह झलक है दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री एके वालिया के विधानसभा क्षेत्र यानी पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मी नगर की, जहां पर चुनावी मुकाबला काफी कड़ा रहने वाला है।
शहर के सबसे सघन बसे इलाकों में से एक लक्ष्मीनगर के एक लाख से भी ज्यादा निवासियों के लिए यहां का अनियमित निर्माण और अपर्याप्त अवसंरचना मुख्य मुद्दे हैं।
खराब जनसुविधाओं से संघर्ष कर रहे लक्ष्मीनगर के लोगों का कहना है कि उन्होंने अब इन समस्याओं के साथ रहना सीख लिया है। ये समस्याएं अब उनके दैनिक जीवन का हिस्सा बन गई हैं।
सब कुछ अपने भाग्य पर छोड़ते हुए निवासी यही दोहराते हैं कि नई सरकार भी उनकी किसी समस्या का समाधान नहीं कर पाएगी। ये समस्याएं समय के साथ और भी जटिल हो गई हैं।
इस चुनावी क्षेत्र की अनाधिकृत कॉलोनियां अनियोजित शहरी विकास का प्रत्यक्ष उदाहरण हैं, हालांकि सरकार ने उनके लिए मूल अवसंरचना निर्माण का वादा किया है, लेकिन अभी तक ऐसा कुछ किया नहीं गया। बड़ी संख्या में लोग इन खामियों के लिए वालिया को दोषी ठहराते हैं।
वालिया वर्ष 1993 से इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। लोगों के अनुसार इस क्षेत्र की सबसे बड़ी चिंता इलाके की असुरक्षित इमारतें हैं। पिछले कुछ सालों में इस इलाके में इमारत गिरने की कई घटनाएं हुई हैं। इनमें से एक घटना ललिता पार्क में 16 नवंबर 2010 को हुई, जिसमें लगभग 70 लोग मारे गए थे।
हालांकि सरकार ने इन असुरक्षित इमारतों की मरम्मत का वादा किया था लेकिन इस दिशा में बहुत कम ही प्रयास किए गए हैं। इसके अलावा जल निकास व्यवस्था की कमी, भरे सीवेज जैसी खराब जन सुविधाएं इस इलाके की अन्य बड़ी समस्याओं में से हैं जो स्वास्थ्य के लिए खतरा हैं।
हालिया आंकड़ों के अनुसार, इस चुनावी क्षेत्र में लगभग 1.8 लाख मतदाता हैं, जिनमें से 79 हजार से ज्यादा महिलाएं हैं और 1.02 लाख पुरुष हैं। लक्ष्मीनगर से भाजपा के प्रत्याशी अभय वर्मा ने कहा, एके वालिया ने पिछले 20 साल में इस इलाके के लिए कुछ नहीं किया। अभय ने वालिया पर बिल्डर लॉबी का समर्थन करने का आरोप लगाया। वर्मा ने महिलाओं, बच्चों और अन्य की अपर्याप्त सुरक्षा की भी शिकायत की।
आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी विनोद कुमार बिन्नी ने भी इस क्षेत्र में सीवेज और पेयजल की समस्या की शिकायत की। उन्होंने कहा कि यहां के निवासी पिछले कई सालों से इन समस्याओं से जूझ रहे हैं।
बिन्नी ने कहा, वालिया पिछले 15 साल से स्वास्थ्य मंत्री हैं लेकिन विडंबना यह है कि इस इलाके में एक भी सरकारी अस्पताल नहीं है। यहां तक कि दवाखाने भी खस्ता हालत में हैं। अगर चिकित्सक हैं तो दवाएं नहीं हैं और अगर दवाएं हैं तो चिकित्सक नहीं हैं। हालांकि वालिया ने इन आलोचनाओं को बेबुनियाद बताते हुए खारिज कर दिया।
अपनी पांचवीं चुनावी जीत के लिए विश्वास जताते हुए वालिया ने कहा, हमने इस इलाके में अभूतपूर्व विकास किया है। इलाके में कुछ समस्याएं हैं, जिन्हें सत्ता में लौटने पर हम दूर करेंगे। 2008 के विधानसभा चुनाव में वालिया के हिस्से में 54,252 वोट आए थे जबकि उनके करीबी प्रतिद्वंद्वी यानी भाजपा के मुरारी पंवार के पक्ष में 31,855 वोट पड़े थे। (भाषा)