डॉ. हर्षवर्धन को दिल्ली में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने के बाद भाजपा की चुनावी रणनीति भी धीरे-धीरे बदलने लगी है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विजय गोयल द्वारा बनाई गई रणनीतियों को हर्षवर्धन अपने स्वभाव के अनुसार धीरे-धीरे बदल रहे हैं।
विजय गोयल जहां दिल्ली में बिजली मुद्दे को प्राथमिकता देकर भाजपा को सत्ता में लाने की जुगत में जुटे थे वहीं डॉ. हर्षवर्धन दिल्ली में सभी मुद्दों को समान प्राथमिकता देने के संकेत दे रहे हैं।
हर्षवर्धन की ताजपोशी से पहले जहां विजय गोयल प्रत्येक विधानसभा के अनुसार घोषणा पत्र बनाने की घोषणा कर चुके थे। वहीं हर्षवर्धन ने साफ किया है कि भाजपा एक ही घोषणा पत्र के साथ चुनाव लड़ेगी।
अपने आक्रामक तेवरों से विजय गोयल हमेशा शीला सरकार को सवालों के घेरे में रखते थे वहीं डॉ. हर्षवर्धन ने आरोपों की राजनीति की अपेक्षा विकास की राजनीति को प्राथमिकता देने के संकेत दिए हैं।