नई दिल्ली। सीएए को लेकर उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में सोमवार शाम को भड़की हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस पर लापरवाही के आरोप लगाए गए हैं। कहा गया कि पुलिस समय रहते उचित कदम उठाती तो इतनी हिंसा नहीं फैलती और लोग नहीं मारे जाते। लापरवाही के चलते हालात बेकाबू हो गए हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इंटेलीजेंस विंग ने दिल्ली पुलिस को भाजपा नेता कपिल मिश्रा के कथित भड़काऊ बयान के बाद ही हिंसा की आशंका जताते कुल 6 अलर्ट जारी किए थे और इन्हें नजरअंदाज किया गया।
रिपोर्ट में पुलिस को संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त जवानों की तैनाती का भी कहा था, लेकिन इन सभी अलर्ट की अनदेखी की गई और रविवार शाम को ही मौजपुर में हिंसा भड़की। सोमवार को हिंसा दूसरे इलाकों में भी पसर गई। इस हिंसा में अब तक 34 लोग मारे जा चुके हैं जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं।
अंग्रेजी अखबार 'टाइम्स ऑफ इंडिया' की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच और इंटेलीजेंस विंग ने उत्तर-पूर्वी जिले और पुलिस को वायरलेस रेडियो के जरिए कई मैसेज भेजे थे। पहला मैसेज रविवार दोपहर 1.22 बजे कपिल के भड़काऊ ट्वीट करने के कुछ देर बाद भेजा गया था।
कपिल ने अपने ट्वीट में दोपहर 3 बजे मौजपुर चौक पर लोगों को सीएए के समर्थन में इकट्ठा होने को कहा था जिसके बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच और इंटेलीजेंस विंग ने मौजपुर में जवानों की तैनाती करने और चौकसी बढ़ाने का अलर्ट जारी किया था, लेकिन दिल्ली पुलिस ने इन पर खास ध्यान नहीं दिया और कथित तौर पर हिंसा भड़क गई।