दीपावली 5 दिवसीय पर्व है और दिवाली के दो दिन पूर्व ही धनतेरस (dhanteras 2022) मनाई जाती है। धनतेरस या धनत्रयोदशी के दिन भगवान धनवंतरी का पूजन किया जाता है। धन तेरस का दिन भगवान धनवंतरी का जन्मदिवस (Dhanvantari Jayanti) भी माना जाता है। समुद्र मंथन के दौरान शरद पूर्णिमा के पश्चात आने वाली त्रयोदशी के दिन भगवान धनवंतरी का प्रादुर्भाव हुआ था, इसलिए इस दिन को धन त्रयोदशी कहा गया। धन एवं आरोग्य प्रदान करने वाली इस त्रयोदशी का विशेष धार्मिक महत्व है।
शास्त्रों में कहा गया है कि समुद्र मंथन के समय अन्य दुर्लभ और कीमती वस्तुओं के अलावा शरद पूर्णिमा को चंद्रमा, कार्तिक द्वादशी के दिन कामधेनु गाय, त्रयोदशी को धन्वंतरी एवं कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को भगवती लक्ष्मी जी का समुद्र से अवतरण हुआ था।
यही कारण है कि दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन एवं उसके दिन पूर्व त्रयोदशी तिथि को भगवान धनवंतरी का जन्म दिवस धनतेरस (Dhan Teras) के रूप में मनाया जाता है। मान्यतानुसार इसी दिन भगवान धनवंतरी ने आयुर्वेद का भी प्रादुर्भाव किया था।
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार भगवान धनवंतरी को नारायण भगवान विष्णु (Lord Vishnu) का ही एक रूप माना जाता है, जो आरोग्य प्रदान करते हैं। इनकी चार भुजाएं हैं, जिनमें से दो भुजाओं में वे शंख एवं चक्र धारण किए हुए हैं और अन्य दो भुजाओं में औषधि के साथ वे अमृत कलश रखते हैं।पुराणों के अनुसार द्रौपदी को पीतल का अक्षय पात्र वरदान स्वरूप दिया गया था।
ऐसा माना जाता है कि यह अमृत कलश पीतल का बना हुआ है क्योंकि पीतल (Brass) भगवान धनवंतरी की प्रिय धातु है। यही कारण है कि भगवान धनवंतरी (Lord Dhanvantari) के जन्मदिवस अर्थात धनतेरस पर लोग खास तौर से पीतल के बर्तन खरीदते हैं। वैसे इस दिन कोई भी धातु की बनी वस्तुएं खरीदने का महत्व है।
जैसे सोना, चांदी, तांबा, पीतल, कांसा आदि। धनतेरस को लेकर मान्यता है, कि इस दिन खरीदी गई कोई भी वस्तु शुभ फल प्रदान करती है और लंबे समय तक चलती है लेकिन पीतल खरीदने से तेरह गुना अधिक लाभ मिलता है। इसके अलावा भी अन्य कई बर्तनों की खरीदी भी इस दिन खूब होती है।
अत: धनतेरस के दिन पीतल (patal ke bartan) खरीदने से घर में आरोग्य, सौभाग्य और सेहत की दृष्टि से शुभता आती है। क्योंकि पीतल को गुरुदेव बृहस्पति की धातु माना जाता है, जो कि बहुत ही शुभ होती है। इसीलिए गुरु ग्रह की शांति के लिए पीतल के बर्तनों का इस्तेमाल अधिक से अधिक किया जाता है।
आयुर्वेद में भी पीतल के बर्तन में भोजन करना अत्यंत लाभकारी बताया गया है। इतना ही नहीं धन त्रयोदशी या धनतेरस के दिन पीतल खरीदने से घर में 13 गुना शुभ फल बरसने की भी मान्यता है।