Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

विपश्यना शिविर की सात विशेषताएँ

धम्मपाल विपश्यना केंद्र

हमें फॉलो करें विपश्यना शिविर की सात विशेषताएँ
- डॉ. रोही शेट्‍टी
ND

आधुनिक जीवन काफी तनावपूर्ण हो चुका है। इस तनाव से छुटकारा पाने के लिए कुछ व्यक्ति शराब, नशीली दवाओं, तंबाकू आदि विनाशकारी चीजों का सहारा लेते हैं तो कोई मनोचिकित्सा का। आजकल अधिकतर व्यक्ति तनाव मुक्ति हेतु ध्यान की ओर आकर्षित हो रहे हैं।

भगवान बुद्ध द्वारा खोजी गई तथा वर्तमान में आचार्य सत्यनारायण गोयन्काजी द्वारा सिखाई जाने वाली विपश्यना साधना तनाव से छुटकारा पाने का प्रभावशाली साधन है। 10 दिवसीय रिहायशी शिविरों में सिखाई जाने वाली इस साधना की सात मुख्य विशेषताएँ हैं।

- विपश्यना का 10 दिवसीय शिविर पूर्णतया निःशुल्क है। शिविर का सारा खर्च पुराने साधकों द्वारा दिए गए दान से चलता है। अतः शिविर के दौरान नया साधक विनम्रता एवं कृतज्ञता के भाव से शिविर करता है। शिविर समाप्ति पर वह चाहे तो भविष्य के शिविरों हेतु दान दे सकता है।

- अनैतिक कर्म, शांत सरोवर में फेंके गए पत्थर के समान, मन में विक्षोभ पैदा करता है। शिविर में साधक- हत्या, चोरी, यौन गतिविधियाँ, झूठ बोलना तथा नशीली वस्तुओं के सेवन इन पाँच अनैतिक कर्मों से विरत रहते हैं। इस प्रकार शील-सदाचार विपश्यना का आधार है।

webdunia
ND
- शिविर के पहले 9 दिन, कुछ अपवाद छोड़कर आर्य मौन का पालन करना पड़ता है। अतः शांत, गंभीर वातावरण के कारण, पूर्ण एकाग्रता से अभ्यास करते हुए साधक, मन को उत्तरोत्तर दीक्षा एवं संवेदनशील बना पाते हैं।

- पहले तीन दिन, साधक को आते-जाते श्वास पर लगातार सजगता के साथ मन केंद्रित करना सिखाया जाता है। यद्यपि इसमें बाधाएँ तो आती हैं, किंतु मुस्कराते हुए व बिना धीरज खोए इस स्थिति का इलाज करना भी बताया जाता है। फलस्वरूप साधक बिना विचलित हुए वर्तमान क्षण की सच्चाई देखना सीख जाते हैं।

- चौथे दिन विपश्यना की साधना सिखाई जाती है। लगन के साथ साधना करते हुए साधक शरीर पर होने वाली संवेदनाओं को जान कर तथा उनके क्षणभंगुर/ अनित्य स्वभाव को अनुभव कर, समता में रहना सीख जाता है।

- दसवें दिन साधक, मंगल मैत्री की साधना में, शिविर में प्राप्त सुख, शांति एवं सौहार्द्र सभी प्राणियों के साथ बाँटना सीखता है।

- विपश्यना के नियमित अभ्यास से, दैनिक जीवन में आने वाली समस्याओं का सामना, समतापूर्वक करना सीखकर, तनाव मुक्त जीवन जीना साध्य होता है।

दस दिवसीय विपश्यना शिविर भोपाल में 20 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2010 तक विपश्यना केंद्र, केरवाँ डेम के पास।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi