* शक्ति सामर्थ्य, संतोष, और शांति देता है ध्यान योग
भावातीत ध्यान अनुभव की पूर्ण अवस्था को पहुंचने का मार्ग प्रशस्त करता है। इससे अनुभव की क्षमता बढ़ जाती है। यह जीवन को विचार और कर्म के क्षेत्र में शक्तिशाली बना देता है। जिससे शक्ति सामर्थ्य, संतोष, शांति, विद्वत्ता और सभी आवश्यकताओं को पूरा करने में पूर्णती आती हैं।
ध्यान की यह शैली कई विकारों को पूर्णता: दूर करने में कारगर है। आइए जानें किन विकारों में उपयोगी है ध्यान : -
* मन अशांत रहने पर उसके निष्क्रिय पड़े हुए भागों को उपयोग में लाने योग्य बनाता है।
* अनुभव की क्षमता को सूक्ष्म करने की एक प्रक्रिया है ध्यान।
* यदि आपको भूलने की आदत है तो ध्यान आपके लिए बहुत उपयोगी है।
* गुस्सैल प्रवृत्ति के लोगों का मन शांत करने में कारगर है भावातीत ध्यान।
* निर्णय न ले पाने वाले भी इसे अपनी जिंदगी में शामिल कर सकते हैं।
* हृदय रोग की रोकथाम के लिए उत्तम औषधि के समान है।
* मन की चंचलता को नियंत्रित करता है।
* दीर्घायु बनाने में इसकी अहम उपयोगिता है।
* शांति, सामर्थ्य, संतोष, विद्वत्ता और सभी आवश्यकताओं को पूरा करता है भावातीत ध्यान।
* चाहें तो ध्यान के समय कुछ फूल आस-पास रखें, कोई सुगंधित वस्तु का छिड़काव कर दें, अगरबत्ती जला दें।
* रात्रि के भोजन से पहले ही ध्यान के लिए बैठें। प्रातःकाल सूर्योदय से पहले ध्यान करें।
* ढीले वस्त्र पहनकर ध्यान करें।
* महिलाएं यदि चाहें तो भावातीत ध्यान किसी शिक्षक के द्वारा भी सीख सकती हैं। चाहें तो मेडिटेशन सेंटर में भी आप इसे सीख सकती हैं।
* इस पद्धति में कोई भी व्यक्ति आराम से सुखासन पर सुबह-शाम 20-20 मिनट बैठकर ध्यान द्वारा 6-7 घंटे गहरी नींद में सो सकता है। इस तरह भावातीत ध्यान के द्वारा महिलाओं में उच्च रक्तचाप, अनिद्रा व अन्य मानिसक रोगों पर नियंत्रण पाया जा सकता है।