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ध्यान से मिटे रोग और शोक

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, मंगलवार, 19 फ़रवरी 2013 (16:22 IST)
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रोग को शारीरिक बीमारी कहते हैं और शोक को सभी तरह के मानसिक दुख। दोनों की ही उत्पत्ति मन, मस्तिष्क और शरीर के किसी हिस्से में होती है।

ध्यान से सर्वप्रथम सभी तरह की अनावश्यक गतिविधि रूकने लगती है। श्वास-प्रश्वास में सुधार होने से किसी भी तरह के दुख के मामले में हम आवश्यकता से अधिक चिंता नहीं करते।

ध्यान मन और ‍मस्तिष्क को भरपूर ऊर्जा और सकारात्मकता से भर देता है। शरीर भी स्थित होकर रोग से लड़ने की क्षमता प्राप्त करने लगता है।

प्रतिदिन तीन माह तक सिर्फ 10 मिनट का ध्यान करें। आपके मस्तिष्क में परिवर्तन होंगे और आप किसी भी समस्या को पहले की अपेक्षा सकारात्मक तरीके से लेंगे। मात्र तीन माह में हर तरह के रोग को रोककर शोक को मिटाने की क्षमता है ध्यान में।

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