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दीप पर्व पर सितारों के घर चमकेंगे सितारे

जगमग सितारों की रोशनी का उत्सव

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- सुमंत मिश्र
बॉलीवुड के ये जगमग सितारे रोशनी के उत्सव दिवाली को अपने करोड़ों दर्शकों की तरह उत्साह और उमंग से मनाते हैं। जानते हैं कैसे मनाते हैं ये सितारे दिवाली...

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हिंदी सिनेमा के महानायक अमिताभ बच्चन :- जिस उत्साह से जुहू स्थित अपने बंगले प्रतीक्षा के आंगन में होली खेलते हैं, उसी तरह वे दीपों के इस पर्व को भी मनाते हैं। मुंबई में उनके तीनों बंगले प्रतीक्षा, जलसा और जनक को दुल्हन की तरह विद्युत झालरों से सजाया जाता है और इन बंगलों के मुख्यद्वार को फूलों के तोरण से एक अलग रंग-रूप दे दिया जाता है। दीवाली के दिन अमिताभ और जया के साथ ही अभिषेक व ऐश्वर्या भी दिवाली की पूजा करते हैं। पहले जलसा में, फिर जनक में और अंत में प्रतीक्षा में। हाँ, प्रतीक्षा के ँगन में पटाखे की दुकान लगी होती है।

इस अवसर पर उनके पारिवारिक और कुछ फिल्मी मित्रों के साथ ही मुंबई में उनके कुछ रिश्तेदार भी मौजूद होते हैं। घर के अंदर और बाहर उत्सव का माहौल होता है और पूरा बच्चन परिवार अतिथियों की आवभगत में जुटा रहता है। हां, अमिताभ के बंगले में शगुन के तौर पर ताश भी खेला जाता है। पैसे की जगह प्लास्टिक के टोकन से जुआ खेला जाता है। यह टोकन जया बच्चन ताश खेलने वालों को देती हैं। अमिताभ बच्चन कहते हैं कि दिवाली खुशियों का त्योहार है लेकिन पटाखों का शोर तो मुंबई में चाहे गोविंदा हो, गणपति हो, दशहरा या नया साल और तो और क्रिकेट मैचों के दौरान भी सुनाई देने लगा है।

सांसद अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा :- इनके यहाँ भी ऐसा ही नजारा होता है। उनका घर बिजली की रोशनी से चकाचौंध रहता है। अपनी पत्नी पूनम, बेटे लव व कुश और बेटी सोनाक्षी के साथ वह घर के अंदर बने मंदिर में पूजा करते हैं। शत्रुघ्न कहते हैं कि त्योहार के दिन बड़े छोटों को आशीर्वाद दें, उनकी खुशियों में शरीक हों यह हमारे देश की परंपरा है और मैं अपनी संस्कृति और परंपरा में पूरा विश्वास रखता हूँ।

अभिनेता से नेता बने राज बब्बर के बंगले नेपथ्य में में भी दिवाली के दिन एक अलग ही वातावरण देखने को मिलता है। सुबह पूरा बब्बर परिवार पूजा और हवन करता है। राज की पत्नी नादिरा बब्बर की नाट्य संस्था एकजुट के कलाकार, राज बब्बर के माता-पिता , बेटी जूही, बेटा आर्यन और स्मिता पाटिल के बेटे प्रतीक बब्बर के साथ ही छोटे भाई किशन बब्बर उनकी पत्नी व बेटी सुबह के हवन से लेकर रात में होने वाली पटाखेबाजी और दावत तक में साथ होते हैं।

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किंग खान :- का बंगला मन्नत भी पूरी तरह रोशनी में नहाया नजर आता है। अपनी पत्नी गौरी और बेटे व बेटी के साथ वह घर में लक्ष्मी की पूजा करते हैं। उनके कुछ मित्र भी वहाँ होते हैं और शाहरुख अपने बच्चों के साथ पटाखे भी खूब छोड़ते हैं। शाहरुख बताते हैं कि जब वह छोटे थे तो गलियों और सड़कों पर खूब पटाखेबाजी करते थे लेकिन अब यह सब घर की चारदीवारी के अंदर करता हूं। मुझे लगता है कि दिवाली का त्योहार सबसे अच्छा है।

जमीन, आसमान हर तरफ रोशनी रहती है। इस रंग-बिरंगी रोशनी से मन खुशियों से भर जाता है। खिलाड़ियों के खिलाड़ी अक्षय कुमार भी जबसे बाल- बच्चे वाले हो गए हैं अकसर त्योहारों पर अपने घर में होते हैं और परिवार के साथ पूजा करते हैं। वह कहते हैं कि भले ही आज मैं स्टार हो गया हूं लेकिन आज भी आतिशबाजी करना मुझे अच्छा लगता है। अब तो मेरा बेटा भी बड़ा हो गया है। इस बार उसके दोस्तों के बीच ढेर सारे पटाखे लाकर बांटने वाला हूँ क्योंकि मिल बांटकर त्योहार मनाने का आनंद ही कुछ अलग होता है।

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प्रियंका चोपड़ा :- इन दिनों काफी धार्मिक प्रवृत्ति की हो गई हैं। वह अपने माता-पिता और भाई के साथ गणेश-लक्ष्मी की पूजा करती हैं। हां, पटाखों से उन्हें परहेज है। प्रियंका कहती हैं कि उनके घर में सभी त्योहार भरतीय संस्कृति और परंपरा के तहत ही मनाए जाते हैं। उनके घर पर विद्युत रोशनी की जगह दीपों की टिमटिमाती रोशनी होती है। बंगाली बाला बिपाशा बसु तो दिवाली पर अकसर अपने माता-पिता के घर चली जाती हैं।

वह कहती हैं कि दुर्गा पूजा, काली पूजा अपनों के बीच मनाने का एक अलग आनंद होता है क्योंकि त्योहार अकेले मनाने की चीज नहीं होती। नेपाली बाला मनीषा कोइराला को भी दिवाली में खूब मजा आता है। वह कहती हैं कि आज भी बनारस की न्यूकॉलोनी में अपने घर पर मिट्टी के दीयों को जलाने की याद उनके जेहन में है। यही कारण है कि मुंबई के अपने टॉप फ्लोर के घर की छत पर वह मिट्टी के दीये ही जलाती हैं। दिवाली के दिन फुलझड़ियां छोड़ना, रोशनी वाला अनार जलाना मुझे बहुत अच्छा लगता है।

जब भी कोई त्योहार आता है गोविंदा थोड़े उदास हो जाते हैं वह कहते हैं कि उन्हें आज भी यकीन नहीं होता कि उनकी मां नहीं हैं लेकिन वे जुहू के अपने बंगले से ज्यादा विरार में मनाई गई दिवाली को भूले नहीं हैं। दिवाली के दिन की मस्ती और शरारतें उन्हें आज भी याद हैं।

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