Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

भाईदूज के दिन चित्रगुप्त लिखते हैं जीवन के बहीखाते, बस एक शुभ अक्षर 'श्री' ही काफी है सफलता के लिए

Advertiesment
हमें फॉलो करें भाईदूज के दिन चित्रगुप्त लिखते हैं जीवन के बहीखाते, बस एक शुभ अक्षर 'श्री' ही काफी है सफलता के लिए
* आज इस मंत्र से करें भगवान चित्रगुप्त की प्रार्थना 
 
भगवान चित्रगुप्त पाप पुण्य का लेखा जोखा रखते हैं। दीपावली के बाद भैया दूज के दिन चित्रगुप्त की पूजा के साथ-साथ लेखनी, दवात तथा पुस्तकों की भी पूजा की जाती है।

यमराज के आलेखक चित्रगुप्त की पूजा करते समय यह कहा जाता है- लेखनी पट्टिकाहस्तं चित्रगुप्त नमाम्यहम्।
 
चित्रगुप्त की प्रार्थना के लिए मंत्र -
 
मसिभाजनसंयुक्तं ध्यायेत्तं च महाबलम्।
लेखिनीपट्टिकाहस्तं चित्रगुप्तं नमाम्यहम्।।
 
दूज का महत्व जानिए :- 
 
वणिक वर्ग के लिए यह नवीन वर्ष का प्रारंभिक दिन कहलाता है। इस दिन नवीन बहियों पर 'श्री' लिखकर कार्य प्रारंभ किया जाता है। कार्तिक शुक्ल द्वितीया को चित्रगुप्त का पूजन लेखनी के रूप में किया जाता है। 
 
इस दिन यमुनाजी के पूजन का विशेष विधान है। इस दिन '‎ॐ श्री चित्रगुप्ताय नमः' की 108 मंत्र का जाप करना लाभदायी रहता है। 
 
यदि बहन (चचेरी, ममेरी, फुफेरी कोई भी हो) अपने हाथ से इस दिन भाई को भोजन कराए तो उसकी उम्र बढ़ती है और जीवन के कष्ट दूर होते हैं। इस दिन बहन के घर भोजन करने का महत्व है।


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

इस भाईदूज पर भाई को दे राशि अनुसार ऐसा उपहार कि उसे सुख-शांति और वैभव मिले अपार