सुख, ऐश्वर्य और धन की देवी लक्ष्मी को धन शक्ति और पवित्रता के साथ भी जोड़ा गया है। शक्ति का यही रूप महालक्ष्मी के रूप में भी पूजनीय है। मान्यता अनुसार धन कमाने और बढ़ाने के ये 3 उपाय स्वयं देवी लक्ष्मी द्वारा बताए गए हैं। इन उपायों को आधुनिक और सरल भाषा में लिखा गया है।
श्लोक :
धनमस्तीति वाणिज्यं किंचिस्तीति कर्षणम्।
सेवा न किंचिदस्तीति भिक्षा नैव च नैव च।
अर्थात पहला यह कि यदि अधिक धन हो तो व्यवसाय करें। दूसरा यह कि कम धन हो तो कृषि कार्य करें। अंत में तीसरा यह कि अगर धन न हो तो किसी भी प्रकार की नौकरी करके धन प्राप्ति के मार्ग खोलें। किंतु किसी भी हालात में धन पाने के लिए किसी के सामने भिक्षा न मांगे। व्यावहारिक रूप से इन बातों का संकेत यही है कि हर इंसान को मेहनत और समर्पण के साथ धन कमाने और बढ़ाने की हरसंभव कोशिश करना चाहिए।
धन को पाने के लिए शांतिप्रियता, स्वच्छता और पवित्रता को अपनाने पर जोर दिया गया है। जिसके लिए दरिद्रता यानी मन, वचन, कर्म में बुराईयों से दूर रहकर पवित्र आचरण, विचार और परिश्रम के द्वारा धन कमाया जाए। ऐसा धन ही यश, सम्मान और निरोगी जीवन देने वाला माना गया है।