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महालक्ष्मी पूजन में रखें 5 बातों का ध्यान

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दीपावली हिन्दू धर्म का सबसे बड़ा त्योहार है। इस दि‍न विशेष रूप से महालक्ष्मी का पूजन अर्चन किया जाता है, जो विधि-विधान के अनुसार होता है। मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति के लिए कुछ बातों का ध्यान रखकर मां की आराधना करने से आपके घर में धन-धान्य और सुख-समृद्धि‍ बनी रहती है। इस बार दिवाली पर जब करें मां लक्ष्मी का पूजन, तो ध्यान रखें इन 5 बातों का -  

 
1  दीपावली के दिन महालक्ष्मी के साकार रूप का पूजन करने का विधान है। इस दि‍न अकेले महालक्ष्मी का पूजन नहीं किया जाना चाहिए। उनके साथ गणेशजी और मां सरस्वती कर पूजन भी होना चाहिए होना चाहिए।इसके अलावा मां लक्ष्मी का चित्र भगवान विष्णुजी के साथ भी हो सकता है।

2  दीपावली वाले दिन नृसिंहजी के या वराह देवता के साथ लक्ष्मीजी का पूजन करना चाहिए। नृसिंह भगवान विष्णु का ही रूप हैं, इसलिए जोड़े से पूजन करना हमेशा श्रेष्ठ रहता है। अगर मां लक्ष्मी का अकेले पूजन कर रहे हैं तो दो हाथियों के बीच विराजित मां लक्ष्मी का चित्र लेकर आएं।
 
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 दुकान में खड़ी लक्ष्मीजी का तथा घर में बैठी हुईं लक्ष्मीजी का पूजन करना चाहिए। लक्ष्मीजी का चित्र या विग्रह ऐसा होना चाहिए जिसमें मां के पैर किसी भी स्थान में नहीं दिखाई देते हों।

  मां लक्ष्मी के पैर को कमलपुष्प में या आभूषण में दबा होना चाहिए। पूजन करते समय देवी का मुंह पश्चिम में तथा भक्त का मुंह पूर्व में की स्थिति श्रेष्ठतम है। देवी की स्थापना पूर्व-उत्तर कोने में यानि ईशान कोण में पूर्व की दीवार पर या उत्तर की दीवार पर, भवन-क्षेत्र, कार्यालय के मध्य स्थान पर करना चाहिए। 
 
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 देवी को लाल, गुलाबी, सिंदूर रेशमी कपड़े पर भू-स्तर से ऊपर स्थापित करना चाहिए। जिस कागज पर देवी का चित्र हो उसका आकार आयताकार श्रेष्ठतम चौकोर अच्छा माना गया है। देवी का चित्र आभूषण सहित होना चाहिए।

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