Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

Kartik Purnima 2024: कार्तिक पूर्णिमा पर क्यों करते हैं दीपदान, जानिए इसके 12 फायदे

हमें फॉलो करें Kartik Purnima 2024: कार्तिक पूर्णिमा पर क्यों करते हैं दीपदान, जानिए इसके 12 फायदे

WD Feature Desk

, मंगलवार, 12 नवंबर 2024 (12:56 IST)
Kartik Purnima: 15 नवंबर 2024 को कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीप प्रज्वलित करके नदी में प्रवाहित करते हैं। इसे दीपदान करना कहते हैं। देव उठनी एकादशी के दिन तुलसी विवाह होता है और उसके बाद कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली मनाई जाती है। भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था। इसी की याद में देवता लोग इस दिन गंगा किनारे एकत्रित होकर दीपोत्सव मनाते हैं। इसीलिए दीपदान का महत्व बढ़ जाता है। दीपदान करने के 12 फायदे हैं। ALSO READ: कार्तिक मास के व्रत एवं त्योहारों की लिस्ट
 
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ- 15 नवम्बर 2024 को प्रात: 06:19 बजे।
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 16 नवम्बर 2024 को मध्यराति के बाद 02:58 बजे तक।
 
दीपदान करने के फायदे:-
1. अकाल मृत्यु से बचने के लिए करते हैं दीपदान।
2. अपने मृ‍तकों की सद्गति के लिए करते हैं दीपदान।
3. पितृदोष से मुक्ति के लिए करते हैं दीपदान।
4. लक्ष्मी माता और भगवान विष्णु को प्रसन्न कर उनकी कृपा हेतु करते हैं दीपदान।
5. यम, शनि, राहु और केतु के बुरे प्रभाव से बचने के लिए करते हैं दीपदान।
6. सभी तरह के अला-बला, गृहकलह और संकटों से बचने के लिए करते हैं दीपदान।
7. जीवन से अंधकार मिटे और उजाला आए इसीलिए करते हैं दीपदान।
8. मोक्ष प्राप्ति के लिए करते हैं दीपदान।
9. किसी भी तरह की पूजा या मांगलिक कार्य की सफलता हेतु करते हैं दीपदान।
10. घर में धन समृद्धि बनी रहे इसीलिए भी कहते हैं दीपदान।
11. कार्यों में आ रही बाधा को दूर करने के लिए करते हैं दीपदान।  
12. कार्तिक माह में भगवान विष्णु या उनके अवतारों के समक्ष दीपदान करने से समस्त यज्ञों, तीर्थों और दानों का फल प्राप्त होता है।
 
कैसे करते हैं दीपदान?
1. किसी मिट्टी के दिये में तेल डालकर उससे मंदिर में ले जाकर जलाकर उसे वहां पर रख जाएं। दीपों की संख्या और बत्तियां खास समयानुसार और मनोकामना अनुसार तय होती है।
 
2. आटे के छोटेसे दीपक बनाकर उसमें थोड़ासा तेल डालकर पतलीसी रुई की बत्ती जलाकर उसे पीपल या बढ़ के पत्ते पर रखकर नदी में प्रवाहित किया जाता है।
 
3. देव मंदिर में दीपक को सीधा भूमि पर नहीं रखते हैं। उसे सप्तधान या चावल के उपर ही रखते हैं। भूमि पर रखने से भूमि को आघात लगता है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Dev Diwali 2024: देव दिवाली पर यदि कर लिए ये 10 काम तो पूरा वर्ष रहेगा शुभ