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क्यों मना जाता है पुष्य सबसे शक्तिशाली नक्षत्र, क्या है पुष्य नक्षत्र का महत्व और विशेषताएं

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WD Feature Desk

, बुधवार, 23 अक्टूबर 2024 (11:53 IST)
Pushya Nakshatra 2024: पुष्य नक्षत्र को हिन्दू धर्म और ज्योतिष में सबसे शुभ और शक्तिशाली नक्षत्र माना जाता है। यह नक्षत्र चंद्रमा से संबंधित है और इसकी ऊर्जा अत्यंत सकारात्मक मानी जाती है। आइए जानते हैं, पुष्य नक्षत्र का महत्व, इसके धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से क्या फायदे होते हैं, और क्यों इसे इतना खास माना जाता है।

पुष्य नक्षत्र क्यों माना जाता है सबसे शुभ?
पुष्य नक्षत्र को 'नक्षत्रों का राजा' भी कहा जाता है। यह नक्षत्र जब चंद्रमा के संपर्क में आता है, तो उस दिन को अत्यंत शुभ माना जाता है। इस नक्षत्र के दौरान किए गए कार्य, चाहे वह व्यवसाय से जुड़े हों, या धार्मिक अनुष्ठान हों, वे सभी सफल और शुभ माने जाते हैं। खासतौर पर पुष्य नक्षत्र में सोने, संपत्ति, या वाहन की खरीदारी करना बेहद शुभ होता है।
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पुष्य नक्षत्र का धार्मिक महत्व
हिन्दू धर्म में पुष्य नक्षत्र का विशेष धार्मिक महत्व है। इसे भगवान बृहस्पति का नक्षत्र माना जाता है, जो ज्ञान, धन, और शुभता के प्रतीक हैं। मान्यता है कि इस नक्षत्र के दौरान किए गए पूजा-अनुष्ठान का फल कई गुना बढ़ जाता है। इस नक्षत्र के समय भगवान विष्णु, देवी लक्ष्मी, और भगवान शिव की पूजा अत्यंत शुभ मानी जाती है।

ज्योतिष में पुष्य नक्षत्र का महत्व
ज्योतिष में पुष्य नक्षत्र का स्थान अति महत्वपूर्ण है। यह नक्षत्र कर्क राशि के 3 डिग्री 20 मिनट से लेकर 16 डिग्री 40 मिनट तक फैला होता है। पुष्य नक्षत्र का स्वामी ग्रह शनि है, लेकिन इसे गुरु ग्रह (बृहस्पति) के प्रभाव से भी जोड़ा जाता है। इस नक्षत्र में जन्मे जातकों का स्वभाव बहुत धैर्यवान और विनम्र होता है, और उन्हें जीवन में स्थिरता और सफलता प्राप्त होती है।

पुष्य नक्षत्र के फायदे और विशेषताएँ
व्यवसाय और निवेश के लिए शुभ: इस नक्षत्र के दौरान किए गए व्यापारिक समझौते या निवेश अत्यंत सफल होते हैं।
  • धन और समृद्धि: पुष्य नक्षत्र में किए गए धन से जुड़े कार्य फलदायक माने जाते हैं। सोने या संपत्ति की खरीदारी विशेष रूप से शुभ मानी जाती है।
  • शारीरिक और मानसिक शक्ति: इस नक्षत्र के प्रभाव से व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से शक्ति मिलती है। इस समय में ध्यान और योग करने से अत्यधिक लाभ होता है।
  • आध्यात्मिक उन्नति: पुष्य नक्षत्र में साधना और पूजा-पाठ करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति मिलती है।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।



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