दीपावली 2017 : इस बार दो दिन है पवित्र पुष्य नक्षत्र लेकिन...
इस माह दीपावली से पूर्व दो दिन पुष्य-नक्षत्र रहेगा। पुष्य-नक्षत्र को सभी नक्षत्रों का राजा माना गया है। यह एक अत्यन्त शुभ नक्षत्र है। इसमें जन्म लेने वाला जातक प्रकाण्ड विद्वान व समाज में प्रतिष्ठित होता है। भगवान राम का जन्म भी इसी शुभ पुष्य-नक्षत्र में हुआ था। पुष्य-नक्षत्र का स्वामी शनि है।
इस वर्ष दीपावली से पूर्व पुष्य-नक्षत्र दो दिन तक रहेगा। इस माह दिनांक 13 अक्टूबर,2017 दिन शुक्रवार; नवमी तिथि को प्रात: 4 बजकर 45 मिनिट से पुष्य नक्षत्र का प्रारम्भ होगा जो दिनांक 14 अक्टूबर 2017, दिन शनिवार प्रात: 6 बजकर 53 मिनिट तक रहेगा।
अत: इस दीपावली से पूर्व शुक्रवार एवं शनिवार दो दिन पुष्य नक्षत्र का संयोग बनेगा। पुष्य नक्षत्र में प्रारम्भ किया गया कार्य सफ़लतादायक होता है।
पुष्य नक्षत्र खरीदी के लिए भी श्रेष्ठ माना गया है। विशेषकर पुष्य नक्षत्र में वाहन, भूमि, गृहारम्भ अथवा घर खरीदना अत्यन्त लाभदायक रहता है। पुष्य नक्षत्र में कार्य करने से सभी प्रकार के दोष व अनिष्टों से मुक्ति प्राप्त होती है। पुष्य नक्षत्र जब रविवार अथवा गुरुवार के दिन होता है तब यह विशेष शुभ व लाभकारी होता है। इस शुभ संयोग को रवि-पुष्य व गुरु-पुष्य कहा जाता है। पुष्य एक अन्ध नक्षत्र है। पुष्य-नक्षत्र में खोई हुई वस्तु शीघ्र प्राप्त हो जाती है।
पुष्य-नक्षत्र अशुभ भी हो सकता है
जिस प्रकार चन्द्रमा में भी दाग है ठीक उसी प्रकार अत्यन्त शुभ होने के बावजूद पुष्य नक्षत्र में भी थोड़ी अशुभता है। पुष्य नक्षत्र जब शुक्रवार के दिन आता है तब यह शुभ ना होकर उत्पात व बाधाकारक होता है। विवाह में भी पुष्य नक्षत्र को अशुभ माना गया है। विवाह लग्न हेतु पुष्य नक्षत्र वर्जित है।
शुक्रवार को पुष्य नक्षत्र शुभ नहीं-
इस माह दिनांक 13 अक्टूबर, नवमी तिथि, दिन शुक्रवार को पुष्य-नक्षत्र रहेगा। शुक्रवार के दिन आने वाला पुष्य नक्षत्र उत्पात व बाधाकारक होता है।
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया