When is Dev Deepawali 2025: कार्तिक पूर्णिमा तिथि 4 नवंबर 2025 की रात 10 बजकर 36 मिनट पर प्रारंभ होगी और यह 5 नवंबर 2025, शाम 06 बजकर 48 मिनट पर समाप्त होगी। इस दिन पूजा और दीपदान का मुहूर्त प्रदोष काल मुहूर्त शाम 05 बजकर 15 मिनट से शाम 07 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। इस दिन को देव दिवाली के अलावा त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहते हैं।
त्रिपुरासुर पर विजय: पौराणिक कथा के अनुसार, इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक शक्तिशाली राक्षस का वध किया था। त्रिपुरासुर के वध से सभी देवी-देवता अत्यंत प्रसन्न हुए और उन्होंने काशी (वाराणसी) में आकर दीप प्रज्जवलित कर यह उत्सव मनाया। इसलिए इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहा जाता है।
देवताओं का पृथ्वी पर आगमन: ऐसी मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन सभी देवता स्वर्ग से उतरकर पृथ्वी पर आते हैं और गंगा के पवित्र घाटों पर स्नान करते हैं। यह दिन मनुष्यों और देवताओं के बीच खुशियों के साझा उत्सव का प्रतीक है।
दीपदान का अक्षय पुण्य: इस दिन किए गए दीपदान (दीपक जलाने) का पुण्य कभी समाप्त नहीं होता और माना जाता है कि इससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है।