Select Your Language
दिवाली की शुभकामनाएं
पर्व है पुरुषार्थ कादीप के दिव्यार्थ का देहरी पर दीप एक जलता रहेअंधकार से युद्ध यह चलता रहेहारेगी हर बार अंधियारे की घोर-कालिमा जीतेगी जगमग उजियारे की स्वर्ण-लालिमा दीप ही ज्योति का प्रथम तीर्थ हैकायम रहे इसका अर्थ, वरना व्यर्थ है आशीषों की मधुर छांव इसे दे दीजिए प्रार्थना-शुभकामना हमारी ले लीजिए!!झिलमिल रोशनी में निवेदित अविरल शुभकामना आस्था के आलोक में आदरयुक्त मंगल भावना!!!