Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

विश्व एड्स दिवस : क्या कहते हैं ताजा आंकड़े

हमें फॉलो करें विश्व एड्स दिवस : क्या कहते हैं ताजा आंकड़े
1 दिसंबर को सारी दुनिया में 'विश्व एड्स दिवस' के रुप में मनाया जाता है। यह दिन पूरी दुनिया को इस बीमारी के खिलाफ एक जुट होकर लड़ने का मौका देता है। एड्स पहली ऐसी बीमारी थी जिसके लिए सन 1988 में पूरी दुनिया ने एक साथ होने के लिए 1 दिसंबर को चुना। 


 
AIDS को शुरुआत में होमोसेक्सुअल आदमियों की एक बीमारी समझा जाता था और इसे GIRD (Gay-Related Immune Deficiency) यानी गे लोगों में पाई जाने वाली रोगप्रतिरोधक क्षमता की कमी समझा गया था। इस बीमारी को AIDS नाम सन 1982 में मिला था। अमेरिकन हेल्थ और ह्यूमन विभाग ने 29 अप्रैल 1984 को AIDS के कारण के तौर पर 'रेट्रोवायरस', जिसे बाद में HIV (Human Immunodeficiency Virus) नाम दिया गया, की घोषणा कर दी थी। 
 
HIV इंफेक्शन से होने वाली मौत का सबसे बडा कारण है। WHO की एक रिपोर्ट के अनुसार इस बीमारी का पहला केस जो 1981 में सामने आया था, से लेकर अब तक करीब 39 मिलियन लोग इस बीमारी का शिकार हो चुके हैं। इतने लंबे अर्से के दौरान होने वाले वैज्ञानिक खोजों, सालों से चल रहे रिसर्च और सारी दुनिया में इसके लिए आई जागरुकता के बावजूद इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है। 

webdunia

 
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (World Health Organization) WHO के अनुसार सन 2013  में दुनियाभर में करीब 35 मिलियन लोग HIV/AIDS के शिकार थे जिनमें बच्चों की संख्या 3.2 मिलियन थी। WHO के अनुसार करीब 2.1 मिलियन नए लोग HIV की गिरफ्त में आए थे। 
 
UNAIDS की एक रिपोर्ट के हिसाब से कुल 35 मिलियन HIV/AIDS ग्रसित लोगों में से 19 मिलियन लोगों को यह पता नहीं हैं कि उनमें यह वायरस मौजूद है। HIV के ज्यादातर मरीज कम या मध्यम आय वाले देशों में होते हैं। WHO के अनुसार सब सहारा अफ्रीका में HIV के सबसे ज्यादा मरीज यानी 24.7 मिलियन मरीज हैं और यह आकंडा पूरी दुनिया में पाए जाने वाले मरीजों का 71 प्रतिशत है। 
 
भारत में 2.1 मिलियन लोग HIV से ग्रसित हैं और इस आंकडे के साथ पूरी दुनिया में पाए जाने वाले मरीजों वाले देशों में इसका तीसरा नबंर है। 
 
UN (United Nations) की एक रिपोर्ट के अनुसार, एशिया-पेसिफिक रीजन में पाए जाने वाले  कुल HIV के मरीजों के 40 प्रतिशत मरीज भारत में होते हैं। एशिया-पेसिफिक रीजन के कुल मरीजों में से 90 प्रतिशत लोग भारत, चायना, इंडोनीजिया, म्यांमार, थाइलैंड और विएतनाम में रहते हैं। 
 
भारत में HIV इंफेक्शन के नए मामलों में 19 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है पर फिर भी यहां नए मरीज का प्रतिशत एशिया-पेसिफिक रीजने में पनपने वाले नए मामलों का 38 प्रतिशत है। भारत में HIV के करीब 64 प्रतिशत मरीजों को एंटीरेट्रोवियल थेरेपी से इलाज नहीं मिल पाता। भारत में AIDS से होने वाली मौतों में 2005 और 2013 के बीच 38 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। इस दौरान HIV के इलाज की उपलब्धता में वृद्धि दर्ज की गई थी। 
 
सन 2013 के अंत तक 7 लाख लोगों से ज्यादा लोग एंटीरेट्रोविरल थेरेपी ले रहे थे जो कि किसी भी देश में HIV का इलाज लेने वाले मरीजों की संख्या में दूसरे नंबर पर आता है। सेक्स वर्कर महिलाओं में होने वाला HIV इंफेक्शन 10.3 प्रतिशत से 2.7 प्रतिशत पर आ गया है पर यह प्रतिशत आसाम, बिहार और मध्यप्रदेश में बढ़ा है। 
 
विश्व एड्स दिवस पर आप स्कूल, कॉलेज, दोस्तों या फिर सोशल मीडिया जैसे फेसबुक या टि्वटर पर भी चर्चा कर जागरुकता ला सकते हैं। यह दिन आपको सोशल और कल्चरल बाउड्रींज से बाहर निकल कर इस विषय पर जागरुकता बढ़ाने के लिए प्रयासों की आजादी देता है। यह दिन इस बीमारी के इंफेक्शन के शरीर में आने वाले सभी कारणों से आपको अवगत कराकर आपको HIV/AIDS से सुरक्षित रखने में मदद करता है। आप इस दिन Red Ribbon जो इस बीमारी के खिलाफ जंग का चिन्ह है, को पहनकर भी अपना सहयोग प्रदर्शित कर सकते हैं। 

webdunia
प्रस्तुति : निवेदिता 
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi