बरसात का मौसम सर्दी-जुकाम ही नहीं, बुखार, मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के लिए उपयुक्त वातावरण होता है, अत: इन दिनों में स्वास्थ्य को लेकर विशेष सावधानी रखना जरूरी है। जानें मलेरिया के कारण और लक्षण, ताकि उन्हें पहचानकर बचा जा सके -
1 मलेरिया संक्रमित मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर साधारणतया रात और डेंगू व चिकनगुनिया का मच्छर दिन के समय काटता है।
2 मलेरिया के लक्षण मच्छर काटने के 10वें दिन से शुरू होकर 4 सप्ताह तक बने रहते हैं। इसके लक्षण 5 साल से कम आयु के बच्चों में ज्यादा गंभीर होते हैं।
3 मलेरिया होने पर उसमें बुखार, कंपकंपी, खांसी-जुकाम, भूख ना लगने, उल्टियां आने, पेट में दर्द होने, हाइपोथर्मिया और सांस तेज चलने के लक्षण नजर आ सकते हैं। इस मौसम में बरसते पानी से बचना बेहद जरूरी है।
4 अगर बीमार व्यक्ति 5 साल से बड़ा है तो उसमें और वयस्क में एक समान लक्षण होंगे। यह लक्षण फ्लू की तरह होते हैं। इसमें तेज बुखार होना, 48 घंटे के अंदर कंपकंपी होना, पसीना आना, सिरदर्द, ठंड लगना, उल्टी आना, भूख न लगना आदि शामिल हैं।
5 इसमें बुखार एक दिन छोड़कर आता है। अगर एक दिन बुखार आता है तो अगले दिन शायद न भी आए। पर उससे अगले दिन फिर बुखार आता है।
6 मलेरिया होने पर बीमार को खूब आराम करने दें। हल्का और स्वास्थ्यवर्धक भोजन करने के लिए दें। पानी उबालकर पीने के लिए दें। इस मौसम में बाहर का खाना या जंक फूड न लें। खाना खाने से पहले अपने हाथ अच्छी तरह से धोने बहुत जरूरी हैं।
7 डॉक्टर से पूछकर दवाएं लें। अगर शरीर में पानी की कमी हो गई है तो अस्पताल में भर्ती होना जरूरी है।