कब और क्यों? 'वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे' (world hypertension day) प्रतिवर्ष 17 मई को मनाया जाता है। इसको मनाने का उदेश्य लोगों को हाइपरटेंशन के प्रति जागरूकता फैलाने है। इस दिन लोगों को हाइपरटेंशन के प्रति जागरूक किया जाता है। हाइपरटेंशन किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता हैं। हाई ब्लडप्रेशर या हाईपरटेंशन का खतरा महिलाओं से ज्यादा पुरुषों में होता है।
इसके अलग-अलग कारण हो सकते हैं जैसे- फैमिली हिस्ट्री, तनाव, गलत खानपान और लाइफ स्टाइल आदि। आजकल 18 साल से 50 वर्ष के लोग हाइपरटेंशन के अधिक शिकार हैं। हालांकि साठ साल की उम्र से पहले पुरुषों में उच्च रक्तचाप का खतरा ज्यादा रहता है, पर बाद में स्त्री-पुरुष दोनों में ही खतरे की आशंका बराबर होती है।
'विश्व उच्च रक्तचाप दिवस यानी 'साइलेंट किलर' के बारे में दुनिया भर में आम लोगों में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से 17 मई को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस या विश्व हाइपरटेंशन दिवस मनाया जाता रहा है। इससे किडनी फेल, अंधापन, हार्ट अटैक, स्ट्रोक आदि रोग हो सकते हैं।
अनियमित या बासी, खराब खान-पान, व्यायाम न करना, शराब और तंबाकू भी इसका कारण हो सकता है। हाइपरटेंशन से भयानक सिरदर्द, थकान, भ्रम, देखने में समस्या, सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, अनियमित रूप से बढ़ने वाली दिल की धड़कन, यूरिन में ब्लड आना ऐसे इसके कई लक्षण हैं। यह एक ऐसी बीमारी है, जिसकी वजह से मौत भी हो सकती है।
इससे बचने के लिए न केवल डाइट और लाइफ स्टाइल पर ध्यान देने की जरूरत है बल्कि तनाव को कम करना और शरीर को सक्रिय बनाए रखने के लिए एक्सरसाइज भी बेहद जरूरी है।
रोजमर्रा की जिंदगी में हमें तमाम तरह की मीठी-कड़वी बातों से दो-चार होना पड़ता है। ऐसे में गुस्सा आना स्वाभाविक है। लेकिन गुस्सा अगर लत का रूप ले लें तो इस पर विचार करना जरूरी है।
बात-बात पर गुस्सा करने से हमारी सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। देखा गया है कि जो व्यक्ति गुस्सा नहीं करते, वो कम बीमार होते हैं। गुस्सा भी भावना का एक प्रकार है। लेकिन जब यह भावना व्यवहार और आदत में बदल जाती है, तो आप के साथ-साथ दूसरों पर इसका गंभीर असर पड़ने लगता है।
इसके लिए जरूरी यह है कि अपने गुस्से की सही वजह को पहचाना जाए और उन पर नियंत्रण रखा जाए। अमूमन हमारे मन में सवाल होते हैं कि हम इससे किस तरह छुटकारा पाएं। लेकिन इससे पहले यह बात जानना जरूरी है कि गुस्से से छुटकारा क्यों पाएं। जिस व्यक्ति को गुस्सा ज्यादा आता है, उनमें ब्लडप्रेशर, हाइपरटेंशन, गंभीर रूप से पीठ में दर्द की शिकायत देखी गई है।
इसके साथ ही ऐसे लोगों को पेट की शिकायत भी हो सकती है। व्यक्ति की भावनाएं (सोच), विचार और आदत में अंतर्संबंध होता है। विचार, सोच को प्रभावित करते हैं और सोच से आदत बदलती है। दूसरे पहलू पर विचार करें तो आपकी आदतें भी विचार में और फिर विचार भावनाओं में परिवर्तन लाते हैं।
इन तीनों में से किसी एक में भी बदलाव आने पर बड़ा बदलाव दिखाई देता है। इसके अलावा जो भी लोग शराब या धूम्रपान करते हैं। उन सभी लोगों को इस तरह के नशीले पदार्थों से बचना चाहिए। नियमित व्यायाम ही आपको इस बीमारी से बचा सकता हैं। इसके लिए आपको अपने ब्लड प्रेशर को नियमित चेक करना, इसे कंट्रोल करना होगा तभी आप लंबे समय तक जीवित रह पाएंगे।