kartik purnima 2022: कार्तिक पूर्णिमा कार्तिक माह का अंतिम दिन होता है। इस पूर्णिमा का खास महत्व है। इस दिन देव दिवाली का पर्व मनाया जाता है। कहते हैं कि देवता इस दिन गंगा तट पर स्नान करके दिवाली मनाते हैं। इसे कार्तिक पूर्णिमा के अलावा त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहते हैं। इस दिन पुष्कर में मेला लगता है और इस दिन श्री गुरु नानकदेवजी की जयंती भी मनाई जाती है।
कब है कार्तिक पूर्णिमा : अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 8 नवंबर 2022 रहेगी की यह पूर्णिमा।
कार्तिक पूर्णिमा के 5 सरल उपाय:
1. दीपदान : मान्यताओं के अनुसार देव दीपावली के दिन सभी देवता गंगा नदी के घाट पर आकर दीप जलाकर अपनी प्रसन्नता को दर्शाते हैं। इसीलिए दीपदान का बहुत ही महत्व है। इस दिन नदी में आटे के दीपक बहाने से पितृदोष दूर होता है और माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
2. दान और व्रत : इस दिन अपनी क्षमता अनुसार अन्न दान, वस्त्र दान और अन्य जो भी दान कर सकते हो वह करें। कहते हैं कि दान करने से दस यज्ञों के समान फल मिलूता है। इस दिन अपनी बहन, भानजे, बुआ के बेटे, मामा को भी दान स्वरूप कुछ न कुछ दान देने से घर में धन-सम्पदा बनी रहती है। गरीबों को चावल का दान देने से चंद्र ग्रह शुभ होता है। इस दिन उपवास करके भगवान का स्मरण, चिंतन करने से अग्निष्टोम यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है तथा सूर्यलोक की प्राप्ति होती है।
3. जल और पीपल पूजा : इस दिन जल में श्रीहरि विष्णु का और पीपल में मां लक्ष्मी का निवास रहता है। इसीलिए नदी की पूजा और आरती करना चाहिए और साथ ही पीपल के वृक्ष के नीचे घी का दीपक जलाकर उसकी 11 परिक्रमा करना चाहिए। तुलसी और छः तपस्विनी कृतिकाओं का पूजन, श्रीहरि विष्णु, शिव, देवी लक्ष्मी और शालिग्राम का पूजन होता है।
4. मां लक्ष्मी को लगाएं भोग : इस दिन खीर में मिश्री और गंगाजल मिलाकर मां लक्ष्मी को भोग लगाएंगे तो माता प्रसन्न होंगी।
5. रंगोली बनाएं : इस दिन घर के बाहर और भीतर रंगोली बनाएं और चारों ओर दीपक जलाएं। इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होंगी।