एग्जाम टाइम में पैरेंट्स रहें पॉजिटिव
एग्जाम प्रिपरेशन के लिए बच्चों के साथ पैरेंट्स को भी कुछ बातों को ध्यान में रखना जरूरी है, क्योंकि बच्चों के एग्जाम प्रिपरेशन में उनकी भी भागीदारी बहुत अहमियत रखती हैं। उनका एटीट्यूड और व्यवहार बच्चों के प्रति पॉजिटिव होना चाहिए। इससे उनमें भी पॉजिटिव एनर्जी आती है, जो एग्जाम प्रिपरेशन में हेल्प करती है। * पैरेंट्स बच्चों से जिस तरह सालभर बिहेवियर करते हैं। वैसा ही बिहेवियर एग्जाम पीरियड में रखें। * इस दौरान ओवर केयरिंग, ओवर स्ट्रेस न लें। नॉर्मल तरीके से रहें। आपको देखकर बच्चे भी इस पीरियड को नॉर्मल फील करेंगे। * अक्सर माता-पिता इस समय अकेले चिंता की मुद्रा में बैठे नजर आते हैं। ऐसे में बच्चे भी उन्हें देखकर चिंता में आ जाते हैं। ऐसा बिल्कुल भी न करें। * इस समयावधि में घर के लोग गंभीर हो जाते हैं,जो गलत है। बच्चों के साथ हँसी-मजाक करते रहे, ताकि उन्हें ऐसा न लगें कि वे किसी कठिन दौर से गुजर रहे हैं। हँसी-मजाक करते रहने से मन भी अच्छा रहेगा। * मम्मी अक्सर पापा के घर आने पर बच्चों की शिकायत करने लगती हैं। ऐसा बिल्कुल भी न करें। बच्चों की बातों को शांति से पापा को बताएँ और उसे सॉल्व करने के लिए खास स्ट्रेटेजी बनाएँ। * एग्जाम के दौरान मम्मी-पापा भी टीवी देखना बंद कर देते हैं। इससे उनका किसी तरह का मनोरंजन नहीं होता और उनके अंदर खीज होने लगती है। इसलिए अलग रूम में बैठकर टीवी जरूर देखें। * इस समय मम्मी अच्छे-अच्छे पकवान बनाएँ। इन दिनों ब्रेकफास्ट, लंच व डिनर तीनों पार्टी की तरह सेलिब्रेट करें। बच्चों की मनपसंद चीजें बनाए। ताकि पूरे दिन में इसी समय में वे थोड़ा रिलैक्स महसूस करेंगे। * सभी साथ में बैठकर खाना खाएँ, क्योंकि बच्चे तनाव के कारण खाना-पीना भी छोड़ देते हैं। * यदि मेहमान घर आते हैं, तो उन्हें अलग रूम में बिठाएँ। उनके सामने बच्चे की शिकायत बिल्कुल भी न करें। * जो बच्चे रात में जागकर पढ़ने के आदी होते हैं, उनके पैरेंट्स भी उनके साथ जागते हैं। ऐसा करने से पैरेंट्स चिड़चिड़े हो जाते हैं, इसलिए बच्चों को मोटीवेट करके नियत पर सो जाएँ। बच्चों पर भरोसा रखें कि वे अपनी पढ़ाई करके ही सोएँगे।