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एम्स के मेडिकल एंट्रेंस की तैयारी

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- अशोक सिंह

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मेडिकल डिग्री कोर्स के लिए निस्संदेह ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (एम्स) सरीखा नामी संस्थान देश में अपनी तरह का अकेला ही है। इसकी एमबीबीएस की सीमित सीटों के लिए अखिल भारतीय स्तर की प्रवेश परीक्षा का प्रत्येक वर्ष आयोजन किया जाता है। इस वर्ष की चयन परीक्षा 1 जून को निर्धारित की गई है।

साढ़े तीन घंटे की इस चयन परीक्षा में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी पर आधारित 60-60 प्रश्न होते हैं। इसके अलावा शेष प्रश्न अंग्रेजी और रीजनिंग पर होते हैं।

फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी के प्रश्नों का स्तर अन्य परीक्षाओं की तुलना में थोड़ा ऊंचा रखा जाता है ताकि टॉप क्वालिटी के प्रत्याशियों का चुनाव किया जा सके।

इस परीक्षा में भी 11वीं और 12वीं के सिलेबस के अनुसार प्रश्न पत्र बनाया जाता है। इसीलिए दोनों कक्षाओं की एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों पर ज्यादा जोर देना चाहिए।

फिजिक्स और केमिस्ट्री में कैलकुलेशन आधारित प्रश्नों को भी शामिल किया जाता है। इसके लिए मैथ्स की कैलकुलेशन की टेक्निक्स की जानकारी होनी जरूरी होती है। नॉन मैथ्स की स्ट्रीम वाले प्रत्याशियों को 10+2 स्तर की मैथ्स की पुस्तकों के महत्वपूर्ण फॉर्मूलों का अध्ययन अवश्य करना चाहिए। इसमें विशेष रूप से सरफेस एरिया, वॉल्यूम सरीखे टॉपिक्स पर आधारित प्रश्नों की बात की जा सकती है।

रीजनिंग से संबंधित खंड में अमूमन सब्जेक्टिव टाइप के प्रश्न भी हो सकते हैं। इनमें विषय का ज्ञान भलीभांति होने की स्थिति में ही बेहतरीन प्रदर्शन किया जा सकता है।

हालाँकि बेहतर तो यही होगा कि प्रत्येक चैप्टर के बाद सैंपल पेपर्स अथवा मॉडल टेस्ट पेपर्स से इन टॉपिक्स से संबंधित प्रश्नों को अलग से छांट कर करें। इनमें परेशानी होने पर दोबारा टॉपिक का रीविजन करें। इससे न सिर्फ अपनी कमजोरियों का साथ-साथ पता चलता रहेगा बल्कि इन परेशानियों को भी दूर किया जा सकेगा।

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