विज्ञान को समझें, रटें नहीं
- अशोक सिंह
हाल के वर्षों में बोर्ड के साइंस के पेपर को ज्ञान की परख पर आधारित किया गया है.इसमें रटने वालों के लिए नुक्सान ज़्यादा देखा जा सकता है। यही कारण है की इसमें पाठ्य पुस्तकों के अलावा तमाम सामान्य ज्ञान से जुड़ी रोजमर्रा की घटनाओं पर भी प्रश्न पूछे जाते हैं। इसीलिए साइंस को महज किताबी सीमा तक रखने वाले युवाओं के शत-प्रतिशत अंक कभी नहीं आ पाते हैं। टेक्स्ट बुक्स के विभिन्न विषयों को दिन-प्रतिदिन की बातों से जोड़कर समझने का प्रयास न सिर्फ अवधारणाओं को आत्मसात करने में सहायक सिद्घ होता है बल्कि उत्तर के रूप में सरलतापूर्वक लिखने में भी काफी कारगर साबित होता है। एनसीईआरटी की साइंस की टेक्स्टबुक में ऐसी वेबसाइट्स का उल्लेख है जिनके जरिए छात्र बड़ी आसानी से विषयों को समझ सकते हैं। महज पथ के अंत में दिए गए प्रश्नों के उत्तरों को पढ़ने मात्र से अच्छे अंक लाने तो दूर विषयों के बारे में समझ विकसित करनीᅠभी मुश्किल हो जाती है।
तो आइए बात करते हैं की अब बचे सीमित समय का किस प्रकार से सदुपयोग किया जाए ताकि अधिकतम अंक इस महत्वपूर्ण विषय में लिए जा सकें 8 अब इस समय आप चाहे दोस्तों की कॉपियों से तैयारी करें या हेल्प बुक्स के ऊपर निर्भर हैं। आपको कम से कम एक बार एनसीईआरटी की टेक्स्ट बुक्स को अवश्य ध्यानपूर्वक पढ़ना चाहिए।महत्वपूर्ण अंशों को को रेखांकित करते चलें अथवा अलग कॉपी में इन्हें नोट करते रहे। इससे समूचे अध्याय और कॉन्सेप्ट को समझना आसान हो जाएगा : 1.
इसके बाद सीधे सेंपल पेपर की शुरुआत कर सकते हैं। हाँ, इमानदारी इतनी जरूर बरतें की जो भी आप करें उसे टेक्स्टबुक से अवश्य जाँच लें। गलत उत्तरों या छोड़े गए प्रश्नों के उत्तर एक बार अवश्य देख कर लिखें।
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ध्यान रखें की परिभाषाओं की भाषा और शब्दावली हूबहू वैसी ही हो जैसी की टेक्स्ट बुक में दी गई है। इसमें अपने आप परिवर्तन करना अंक पाने की दृष्टि से काफी घातक सिद्ध हो सकता है।3.
अमूमन गत वर्ष के प्रश्नों/टोपिक्स को लगातार दूसरे वर्ष के एग्जाम में शामिल करने की संभावनाएँ काफी कम होती हैं, ऐसे में कई बार छात्र इन्हें पूरी तरह से स्किप कर सेलेक्टेड पढ़ाई की भी रणनीति अपनाते हैं। इससे समय तो बचता ही है साथ ही अन्य टोपिक्स पर ज्यादा ध्यान देना भी संभव नहीं हो पाता है। हालांकि, कई विशेषज्ञों का यह भी मानना है की इस फार्मूले में ज्यादा दम नहीं होता है क्योंकि कुछ प्रश्न तो रिपीट होते ही हैं.4.
न्यूमेरिकल्स के लिए एनसीईआरटी के उदाहरण और अध्याय के अंत में दिए गए प्रश्नों की खूब प्रेक्टिस करनी चाहिए। इसके अलावा गत वर्षों के पेपर्स में आए ऐसे प्रश्नों को स्वयं करने से सीखने का पर्याप्त अवसर मिलता है। यह बात भी भूलनी नहीं चाहिए।
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न्यूमेरिकल्स सोल्व करने में कैलकुलेशन, दशमलव तथा यूनिट्स के प्रयोग पर विशेष ध्यान दें। जरा सी गलती समूचे प्रश्न के अंकों को शून्य में बदल सकती है। इसᅠप्रकार के उत्तर लिखते समय सभी स्टेप्स अवश्य लिखें। शॉर्ट कट के चक्कर में बिलकुल नहीं पड़ें। 6.
जिन प्रश्नों में डायग्राम की अनिवार्यता है उनकी प्रेक्टिस बाकायदा ठीक से पेंसिल एवं ज्यामिति बॉक्स की सहायता से कर लेनी चाहिए। पेन से या आधे-अधूरे प्रकार के डायग्राम बनाने का कोई मतलब नहीं है।7.
अगर एक अंक का प्रश्न है तो एक शब्द से लेकर एक वाक्य तक अधिकतम लिखना काफी होगा। इसी प्रकार से अंकों के प्रश्न का जवाब अधिकतम शब्दों से ज्यादा नहीं हो।गुरुमंत्र 8.
परीक्षक को भ्रम में डालने अथवा एक ही बात को बार बार घुमा-फिरा कर लिखने का प्रयास हमेशा नुकसानदायक रहता है। भूलकर भी ऐसा प्रयास नहीं करें।