Biodata Maker

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

देश-विदेश में कैसे मनाते हैं दशहरा पर्व

Advertiesment
हमें फॉलो करें देश विदेश का दशहरा
FILE


भारत में समय-समय पर विविध सास्कृतिक रंग खिलते हैं। उत्सव से सराबोर इस संस्कृति में भारतीय जनमानस कभी भी झूम उठता है। उसने इसके बहाने भी खोज रखे हैं। उत्सवप्रिय भारत के प्रमुख त्योहारों में दशहरे का भी अपना विशिष्ठ स्थान है।

यह त्योहार अपने विविध रंगों में सारे भारत में दिखता है जिनमें सबसे खास रंग कुल्लू, हिमाचल प्रदेश और मैसूर कर्नाटक के हैं। इसके अलावा भी भारत में नौ दिन चलने वाला दुर्गोत्सव दशहरे के दिन अपने चरम पर पहुंच जाता है।

मैसूर में तो मां महिषासुर मर्दिनी को समर्पित यह त्योहार अब अंतरराष्ट्रीय स्वरूप में तब्दील हो चुका है। हम आपके लिए लाए हैं भारत के इस त्योहार के विविध भागों के ऐसे ही विविध रंगों को।


महाराष्ट्र में दशहरा :-

महाराष्ट्र में दशहरे का उत्सव नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा को समर्पित होता है। और दसवें दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है। इस दिन मां सरस्वती के तांत्रिक चिह्नों की पूजा करते हैं।

किसी भी चीज को प्रारंभ करने के लिए खासकर विद्या आरंभ करने के लिए यह दिन काफी शुभ माना जाता है। महाराष्ट्र के लोग इस दिन विवाह, गृह-प्रवेश एवं नए घर खरीदने का शुभ मुहूर्त समझते हैं।


पंजाब का दशहरा :-

पंजाब में दशहरा के पर्व को नवरात्रि के नौ दिन के रूप में मनाया जाता है। अष्टमी और नवमी के दिन मां दुर्गा जी की उपासना की जाती है और दशमी के दिन रावण-दहन तथा मेलों का आयोजन होता है।


बस्तर का दशहरा :-

बस्तर में दशहरे मां दंतेश्वरी की आराधना को समर्पित एक पर्व रूप में मानते हैं। मां दंतेश्वरी बस्तर के निवासियों की आराध्य देवी हैं, जो दुर्गा का ही एक रूप हैं। बस्तर में दशहरा का त्योहार श्रावण मास की अमावस से आश्विन मास की शुक्ल त्रयोदशी तक चलता है। इसका समापन अश्विन शुक्ल त्रयोदशी को ओहाड़ी पर्व से किया जाता है।


गुजरात का दशहरा :-

गुजरात में भी दशहरे को नवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। नवरात्रि के नौ दिनों तक यहां पारंपरिक नृत्य गरबा की धूम होती है। गरबा नृत्य इस उत्सव की शान होता है। इसमें पुरुष एवं स्त्रियां संगीत की लय पर घूम-घूम कर नृत्य करते हैं। देवी मां की आरती के बाद डांडिया रास का आयोजन पूरी रात चलता है।


नेपाल, मॉरीशस :-

दशहरा या विजयादशमी भारत से बाहर अन्य देशों में भी बहुत हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है। भारत के साथ-साथ इंडोनेशिया, मलेशिया, श्रीलंका, चीन और थाइलैंड के अलावा दुनिया के दूसरे देशों में भी उत्साह के साथ मनाते हैं।

लोग आज भी भगवान राम को सबसे बड़ा नायक मानते हैं। विजयादशमी नेपाल में बहुत बड़े स्तर पर मनाया जाता है। यहां यह वर्ष का सबसे बड़ा त्योहार होता है। दशमी के स्वागत की तैयारी धूमधाम से होती है। नेपाल या गोरखा सेनाएं बहुत ही अद्भुत ढंग से दशहरा मनाती हैं।

मां काली तथा मां दुर्गा की पूजा नौ दिनों तक की जाती है। विजयादशमी वाले दिन राज दरबार में राजा प्रजा को अबीर, चावल, दही का टीका लगाते हैं। विजयादशमी, नवरात्रि के अंतिम दिन के रूप में, मॉरीशस में सबसे बड़े और सबसे लोकप्रिय हिंदू त्योहारों में से एक के रूप में मनाया जाता है।


बंगाल, ओडिसा और असम का दशहरा :-

यहां यह पर्व दुर्गा पूजा के रूप में ही मनाया जाता है। संपूर्ण बंगाल में पांच दिनों के लिए मनाया जाता है। ओडिसा व असम में इसे चार दिन तक मनाया जाता है। यहां देवी दुर्गा की मूर्ति तैयार करवाई जाती है और भव्य सुशोभित पंडालों में स्थापित की जाती है।

षष्ठी के दिन दुर्गा जी का पूजन एवं प्राण प्रतिष्ठा आदि का आयोजन किया जाता है। इसके उपरांत सप्तमी, अष्टमी एवं नवमी के दिन प्रातः और सायंकाल दुर्गा पूजा होती है। दशमी के दिन विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। स्त्रियां देवी के माथे पर सिंदूर चढ़ाती हैं, और एक दूसरे को सिंदूर लगाती हैं। एक प्रकार से सिंदूर की होली खेली जाती है, इसके पश्चात देवी की प्रतिमाओं को विसर्जन के लिए ले जाया जाता है।


तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश एवं कर्नाटक का दशहरा :-

देश के दक्षिण राज्य तमिलनाडु आंध्रप्रदेश और कर्नाटक में दशहरा नौ दिनों का मनाया जाता है। देवी लक्ष्मी, सरस्वती और दुर्गा की पूजा की जाती है। यहां दशहरा शिक्षा या कोई भी नया कार्य जैसे संगीत और नृत्य सीखने के लिए शुभ समय होता है।

कर्नाटक में मैसूर का दशहरा विशेष उल्लेखनीय है। इन द्रविड़ प्रदेशों में रावण-दहन का आयोजन नहीं किया जाता है

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi