दशहरे पर शमी के वृक्ष की पूजा और उसके पत्ते को बांटने का प्रचलन है। जब लोग रावण दहन करके आते हैं तो एक दूसरे को शमी के पत्ते बांटते हैं। आखिरकार क्यों करते हैं दशहरे पर शमी के वृक्ष की पूजा? पूजा करने से क्या होगा लाभ? आओ जानते हैं इस संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी।
क्यों करते हैं शमी पूजा | Why do Shami Puja:
- माना जाता है कि दशहरे के दिन कुबेर ने राजा रघु को स्वर्ण मुद्रा देते हुए शमी की पत्तियों को सोने का बना दिया था, तभी से शमी को सोना देने वाला पेड़ माना जाता है।
- यह भी कहते हैं कि श्रीराम ने रावण से युद्ध लड़ने से पहले शमी के वृक्ष की पूजा की थी। श्रीराम ने युद्ध में विजयी होने के बाद अयोध्या वासियों को स्वर्ण दान में दिया था।
- पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान अपने अस्त्र-शस्त्रों को शमी के पेड़ में छिपाकर रखा था। उपरोक्त कारणों के चलते दशहरे पर शमी की पूजा का प्रचलन है।
शमी पूजा के 5 फायदे | 5 Benefits of Shami Puja:
1. दशहरे के दिन इसकी पूजा करने से कई तरह के संकटों से व्यक्ति बच जाता है और हर क्षेत्र में वह विजयी रहता है।
2. शमी वृक्ष की पूजा करने से शनि ग्रह संबंधी सभी प्राकर के दोष समाप्त हो जाते हैं। जैसे शनि की साढ़े साती, ढैय्या आदि।
3. विजयादशमी के दिन शमी वृक्ष पूजा करने से घर में तंत्र-मंत्र का असर खत्म हो जाता है।
4. शमी पूजा के कई महत्वपूर्ण मंत्र का प्रयोग भी करें। इससे सभी तरह का संकट मिटकर सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
5. शमी के पत्ते तोड़ना नहीं चाहिए, नीचे ताजा गिरे हुए पत्ते को या तो अपने पास संभालकर रख लें या शिवजी पर चढ़ाएं। इससे सभी तरह की बाधाएं दूर हो जाएगी।