Dussehra: दशहरा और विजयादशमी में क्या अंतर है?
Vijayadashami: विजयादशमी और दशहरे के त्योहार में क्या है फर्क, जानिए
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विजयादशमी और दशहरा में अंतर
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माता दुर्गा और महिषासुर का युद्ध
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श्री राम और लंकापति रावण का युद्ध
1. अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी के दिन माता दुर्गा के रूप कात्यायिनी ने महिषासुर का वध किया था। इसी की याद में विजयादशमी का उत्सव यानी विजयादशमी का पर्व मनाया जाता है जबकि इसी दिन जब प्रभु श्रीराम ने इसी दिन दशानन रावण का वध कर दिया तो इस दिन को दशहरा भी कहा जाने लगा।
2. कहते हैं कि माता ने रंभासुर के पुत्र महिषासुर से 9 दिन तक युद्ध करने के बाद 10वें दिन उसका वध कर दिया था इसलिए विजयादशमी का उत्सव मनाया जाता है। महिषासुर एक असुर अर्थात दैत्य था वह राक्षस नहीं था। जबकि प्रभु श्री राम और रावण का युद्ध कई दिनों तक चला अंत में श्रीराम ने दशमी के दिन रावण का वध कर दिया था। रावण एक राक्षस था वह असुर नहीं था।
3. यह भी कहा जाता है कि इसी दिन अर्जुन ने कौरव सेना के लाखों सैनिकों को मारकर कौरवों को पराजित कर दिया था। यह धर्म की अधर्म पर जीत थी।
4. विजयादशमी पर देवी अपराजिता और शस्त्र की पूजा का खासा महत्व रहता है। यह पूजा दिन में विजय मुहूर्त में करते हैं। जबकि दशहरा के लिए रात में रावण दहन और शमी पूजा का खास महत्व है। श्रीराम ने भी रावण को मारने के पहले देवी पूजा की थी। वाल्मीकि रामायण के अनुसार भगवान राम ने युद्ध में विजयी होने के लिए ऋष्यमूक पर्वत पर आश्विन प्रतिपदा से नवमी तक आदिशक्ति मां दुर्गा की उपासना की थी। इसी के साथ उन्होंदे देवी अपराजिता की पूजा भी की थी। इसके बाद भगवान श्रीराम इसी दिन किष्किंधा से लंका के लिए रवाना हुए थे।
5. विजयादशमी की कथा दुर्गा और महिषासुर के युद्ध और असुर के वध से जुड़ी है जबकि दशहरा की कथा राम रावण युद्ध और राक्षसराज रावण के वध से जुड़ी है। इस दिन दोनों की ही कथा का श्रवण किया जाता है। यह दोनों ही पर्व अच्छाई की बुराई पर जीत का पर्व है।