जो भी हो यार, तमाम किंतु-परंतु के बावजूद, ये भारत-पाक क्रिकेट मैच का रोमांच और माहौल होता ज़बर्दस्त है। आल्या-माल्या के घोटाले और बचत योजना पर पड़ी चपत, बच्चों की बढ़ी हुई फ़ीस और मार्च के अधूरे पड़े टारगेट सब कुछ भूल-भाल कर हम सब लग जाते हैं इस इवेंट का जश्न मनाने में।
बड़े-छोटे, धनी-ग़रीब, अगड़े-पिछड़े सब। अमिताभ बच्चन जन-गण-मन गाते हैं, तेंदुलकर गैलरी से तिरंगा लहराते हैं, लता मंगेशकर कह रही हैं कि कल रातभर उन्हें नींद नहीं आई - ये सोचकर कि मैच में क्या होगा, आज वे टीवी के सामने जमी रहीं... आशा भोंसले कह रही हैं कि वो न्यूज़ीलैंड में हैं और इस वक़्त सुबह के सात बज रहे हैं, वो रात भर जागकर मैच देखती रहीं..... टोटकों के तो कहने ही क्या मुंबई से आई हुई मेरी मौसी मैच शुरू होते ही अंदर के कमरे में चली गईं, बोलीं - मैं जब भी देखती हूं इंडिया हार जाती है।
पत्नी जो है वो भारत का दूसरा विकेट गिरते ही अपने कमरे में भाग गई - बोलीं मेरा भी मौसी जैसा ही है, कहीं भारत हार ना जाए!! मैंने कहा- भागवान अब तक क्यों यहाँ बैठकर हरवाने पर तुली थी!!! फिर ऊपर से हर गेंद के बाद स्कोर पूछती रही...... इस बार तो माहौल में राष्ट्रभक्ति का तड़का भी कुछ तगड़ा ही था सो दे दना दन 'भारत माता की जय' के नारे फ़ेसबुक और ट्विटर पर छा गए। अपने केजरीवालजी ने भी भारत माँ की जय का ट्वीट किया। ये सारे लोग भारत माता की जय, भारतीय टीम से कह रहे थे, ख़ुद से कह रहे थे या सब औवेसीजी को चिढ़ा रहे थे - ये सर्वे करना दिलचस्प होगा!!
तो भिया सबकी राष्ट्रभक्ति और क्रिकेटप्रेम जमकर उछाले मार रही है। और अपने इंदौरी भाई लोग निकल पड़े हैं राजबाड़े की ओर - क्योंकि केवल टीवी पर जीते तो लगता ही नहीं कि जीते... जब तक राजबाड़े पर नी जीत जाएँ, तिरंगे और ढोल-ढमाके के साथ, हाँ नी तो ..... इसकी बारा बजाऊँ इसकी.... क्यों भिया है ना ये भारत-पाक मैच का मामला ज़ोरदार? ..... जय हो