* ईद-उल-अजहा : कुर्बानी का फर्ज
इस्लामी साल में दो ईदों में से एक है बकरीद। ईद-उल-जुहा और ई-उल-फितर। ईद-उल-फिरत को मीठी ईद भी कहा जाता है। इसे रमजान को समाप्त करते हुए मनाया जाता है।
1. ईद-उल-जुहा अर्थात बकरीद मुसलमानों का प्रमुख त्योहार है।
2. इस दिन मुस्लिम बहुल क्षेत्र के बाजारों की रौनक बढ़ जाती है।
3. बकरीद पर खरीददार बकरे, नए कपड़े, खजूर और सेवईयां खरीदते हैं।
4. बकरीद पर कुर्बानी देना शबाब का काम माना जाता है। इसलिए हर कोई इस दिन कुर्बानी देता है।
5. इस्लाम के पांच फर्ज माने गए हैं, हज उनमें से आखिरी फर्ज माना जाता है।
6. एक और प्रमुख त्योहार है ईद-उल-मीनाद-उन-नबी, लेकिन बकरीद का महत्व अलग है। इसे बड़ी ईद भी कहा जाता है। हज की समाप्ति पर इसे मनाया जाता है।
7. मुसलमानों के लिए जिंदगी में एक बार हज करना जरूरी है। हज होने की खुशी में ईद-उल-जुहा का त्योहार मनाया जाता है।
8. यह बलिदान का त्योहार भी है।
9. इस्लाम में बलिदान का बहुत अधिक महत्व है।
10. कहा गया है कि अपनी सबसे प्यारी चीज रब की राह में खर्च करो। रब की राह में खर्च करने का अर्थ नेकी और भलाई के कामों में।