पवित्र महीने रमजान के बाद अल्लाह की नेमतों को पाने के लिए देशभर में ईद उल फितर का त्योहार मनाया जाएगा। ईद-उल-फितर का त्योहार चांद के निकलने पर निर्भर करता है। यदि इस वर्ष 12 मई, बुधवार के दिन चांद निकलता है तो उसके अगले दिन यानी गुरुवार, 13 मई को ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया जाएगा। और यदि चांद 13 मई को निकलता है तो पूरे देश में ईद-उल-फितर का त्योहार शुक्रवार, 14 मई को मनाया जाएगा।
ईद-उल-फितर मनाने की सही तारीख का निर्धारण चांद के निकलने पर ही निर्भर है। भोपाल शहर क़ाज़ी सय्यद मुश्ताक अली नदवी साहब ने कल ईद के चांद नहीं होने का ऐलान किया लिहाज़ा आज 30 रमज़ान होगा और ईद इंशाल्लाह 14 मई 2021 जूमे के दिन होगी।
पवित्र रमजान के बाद ईद का यह त्योहार रमजान के पूरे होने की खुशी में मनाया जाता है। ईद दुनिया भर के मुसलमानों के लिए खुशी का दिन है। इस्लाम में दो ही खुशी के दिन हैं, ईद-उल फित्र और ईद उल जुहा।
रमजान में पूरे महीने रोजे रखने के बाद ईद-उल फित्र मनाई जाती है। इस बार मीठी ईद 13 या 14 मई को मनाई जाएगी। रमजान-उल मुबारक माह के बाद ईद-उल-फित्र के इस मुबारक दिन सुबह के वक्त मुस्लिम समुदाय के लोग ईदगाह में जमा होकर ईद की नमाज अदा करते हैं, लेकिन इस बार कोरोना वायरस और लॉकडाउन के मद्देनजर लोगों को ईद की नमाज अपने घरों में ही अदा करनी होगी।
ईद अल्लाह से इनाम लेने का दिन है। नमाज के पहले हर मुसलमान के लिए फितरा देना फर्ज है। फितरे के तहत प्रति इंसान पौने दो किलो अनाज या उसकी कीमत गरीबों को दी जाती है। इसका मकसद यह है कि गरीब भी ईद की खुशी मना सकें।