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Devshayani Ekadashi 2024 : देवशयनी एकादशी पर मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु को अर्पित करें ये भोग, होंगे प्रसन्न

Devshayani Ekadashi 2024 : देवशयनी एकादशी पर मिलेगा भगवान विष्णु का विशेष आशीर्वाद

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WD Feature Desk

, मंगलवार, 16 जुलाई 2024 (15:42 IST)
Devshayani Ekadashi 2024
Devshayani Ekadashi 2024 puja: आषाढ़ शुक्ल की एकादशी के दिन श्रीहरि विष्णु 4 माह के लिए पाताल लोक में शयन करने के लिए चले जाते हैं। इस बार 17 जुलाई 2024 बुधवार के दिन यह एकादशी रहेगी। इस दिन भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की विशेष पूजा होती है। पूजा के दौरान यदि आप उन्हें उनकी पसंद का भोग लगाएंगे तो वे प्रसन्न होकर आशीर्वाद देंगे।ALSO READ: देवशयनी एकादशी पर करें ये 3 कार्य तो मिलेंगे 3 लाभ
 
श्री विष्णु भोग :-
1. खीर : भगवान विष्णुजी को खीर का नैवेद्य बहुत पसंद है। खीर कई प्रकार से बनाई जाती है। सूखे मेवे डालकर बनाएं।
 
2. हलवा : सूजी का हलवा विष्णुजी को बहुत प्रिय है। हलवे में किशमिश जरूर मिलाएं। 
 
4. पंचामृत : पूजा-पाठ या आरती के बाद तुलसीकृत जलामृत व पंचामृत चढ़ाएं।
 
5. तुलसी का पत्ता : विष्णु के पूजन और नैवेद्य में तुलसी का पत्ता चढ़ाना अनिवार्य है। इससे वे बहुत ज्यादा प्रसन्न होते हैं।
 
6. केला : केला भगवान विष्णु को बहुत प्रिय हैं उनके नैवेद्य में केला होना भी जरूरी है।
 
7. श्रीफल : फल और फूल के साथ श्रीफल चढ़ाने से लक्ष्मीपति प्रसन्न होते हैं।ALSO READ: Devshayani Ekadashi 2024:देवशयनी एकादशी के सबसे शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के साथ जानें 5 उपाय
 
कैसे लगाए विष्णु भोग : विष्णुजी को किशमिश का भोग लगाना चाहिए। साथ ही आंवले का भोग लगाना अतिशुभ होता है। खीर में सूखे मेवे डालने चाहिए और अंत में तुलसी जरूर डालें। उसे उत्तम प्रकार से बनाएं और फिर विष्णुजी को भोग लगाने के बाद वितरित करें।
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श्री लक्ष्मी भोग :-
1. केसर भात : पीले रंग के केसर भात भी माता को अर्पित करके उन्हें प्रसन्न किया जाता है।
 
2. पीले रंग के मिष्ठान : माता लक्ष्मी को पीले और सफेद रंग के मिष्ठान अर्पित किए जाते हैं। 
 
3. खीर : माता लक्ष्मी को चावल की खीर में किशमिश, चारोली, मखाने और काजू मिलाकर अर्पित करें।
 
4. हलुआ : शुद्ध घी का हलुआ माता को प्रिय है।
 
5. ईख (गन्ना) : दीपावली के दिन गन्ना को इसलिए अर्पित किया जाता क्योंकि उनके सफेद हाथी को यह प्रिय है।
 
6. सिघाड़ा : सिंघाड़ा माता लक्ष्मी को बहुत ही पसंद है। इसकी उत्पत्ति भी जल से होती है। 
 
7. मखाना : जिस तरह माता लक्ष्मी की उत्पत्ति समुद्र से हुई उसी तरह मखाने की उत्पत्ति भी जल से हुई है। मखाना कमल के पौधे से मिलता है।
 
8. बताशे : पताशा या बताश भी माता लक्ष्मी को बहुत प्रिय है। रात्रि की पूजा में इसे अर्पित किया जाता है। 
 
9. नारियल : नारियल को श्रीफल भी कहते हैं। इसमें सबसे शुद्ध जल भरा रहता है। श्रीफल होने के कारण माता यह बहुत पसंद है।
 
10. पान : माता लक्ष्मी की पूजा में मीठा पान का बहुत महत्व है। यह प्रसन्नता और समृद्धि का प्रतीक है। 
 
11. अनार : मां लक्ष्‍मी को फलों में अनार बेहद प्रिय है। दीपावली की पूजन के दौरान अनार जरूर अर्पित करें।
 
12. अन्य : इसके अलावा पूजन के दौरान 16 प्रकार की गुजिया, पपड़ियां, अनर्सा, लड्डू चढ़ाएं जाते हैं। आह्वान में पुलहरा चढ़ाया जाता है। पंचांमृत, मधुपर्क, सूखे मेवे भी उन्हें पसंद है।ALSO READ: देवशयनी एकादशी का व्रत रखने के हैं 11 लाभ

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