Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

Devshayani ekadashi 2023 : आषाढ़ी एकादशी की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Advertiesment
हमें फॉलो करें Devshayani Ekadashi Muhurat 2023
धार्मिक मान्यता के अनुसार आषाढ़ शुक्ल एकादशी यानी देवशयनी एकादशी से कार्तिक शुक्ल एकादशी तक का 4 माह का समय श्रीहरि विष्णु का शयनकाल समझा जाता है। इन चार माहों को चातुर्मास भी कहते हैं। और आषाढ़ मास की एकादशी को देवशयनी, विष्णु-शयनी, हरिशयनी और पद्मनाभा एकादशी नाम से भी जाना जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ी एकादशी जून-जुलाई के बीच पड़ती है। इस व्रत से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। आइए जानते हैं पूजा विधि और मुहूर्त- 
 
29 जून 2023, गुरुवार के शुभ मुहूर्त
 
आषाढ़ शुक्ल एकादशी का प्रारंभ- 29 जून को 03.18 ए एम से़ 
देवशयनी एकादशी तिथि का समापन- 30 जून को 02:42 ए एम पर। 
पारण (व्रत तोड़ने का) समय- 30 जून को 01.48 पी एम से 04.36 पी एम तक।
पारण तिथि पर हरि वासर समाप्त होने का समय- 08:20 ए एम पर। 
 
पूजा विधि : 
 
- देवशयनी एकादशी व्रत रखने आले श्रद्धालुओं को प्रात:काल उठकर स्नान करना चाहिए।
 
- पूजा स्थल को साफ करके भगवान विष्णु की प्रतिमा को आसन पर विराजमान करके भगवान का षोडशोपचार पूजन करें।
 
- भगवान विष्णु को पीले वस्त्र, पीले फूल, पीला चंदन चढ़ाएं।
 
- उनके हाथों में शंख, चक्र, गदा और पद्म सुशोभित करें।
 
- भगवान विष्णु को पान और सुपारी अर्पित करने के बाद धूप, दीप और पुष्प चढ़ाकर आरती उतारें। 
 
- और इस मंत्र द्वारा भगवान विष्णु की स्तुति करें। 
 
- मंत्र: ‘सुप्ते त्वयि जगन्नाथ जगत्सुप्तं भवेदिदम्। विबुद्धे त्वयि बुद्धं च जगत्सर्व चराचरम्।।'
 
- अर्थात हे जगन्नाथ जी! आपके निद्रित हो जाने पर संपूर्ण विश्व निद्रित हो जाता है और आपके जाग जाने पर संपूर्ण विश्व तथा चराचर भी जाग्रत हो जाते हैं।
 
- इस प्रकार भगवान विष्णु का पूजन करने के बाद पारण तिथि पर ब्राह्मणों को भोजन कराकर स्वयं भोजन या फलाहार ग्रहण करें।

अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

webdunia
Ekadashi Vishnu Worship

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Sawan Maas 2023 : सावन के माह में कब-कब निकलेंगी उज्जैन में महाकाल बाबा की सवारी