माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को जया और अजा एकादशी कहते हैं। माघ माह की एकादशी का बहुत महत्व रहता है। जब भी दो दिन एकादशी पड़ती हैं तो पहले दिन स्मार्त और दूसरे दिन भागवत एकादशी होती है जो वैष्णव पंथ के लोग मनाते हैं। आओ जानते हैं कि जया एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा और क्या होगा पारण का मुहूर्त।
कब है जया अजा एकादशी? : 1 फरवरी 2023 को है एकादशी।
एकादशी तिथि प्रारम्भ- जनवरी 31, 2023 को 11:53 एएम बजे।
एकादशी तिथि समाप्त- फरवरी 01, 2023 को 02:01 पीएम बजे।
पारण का मुहूर्त : एकादशी के व्रत को समाप्त करने को पारण कहते हैं। एकादशी व्रत के अगले दिन सूर्योदय के बाद पारण किया जाता है। एकादशी व्रत का पारण हरि वासर के दौरान भी नहीं करना चाहिए। 2 फरवरी को, पारण का समय- प्रात: 07:13 से 09:28 के बीच।
व्रत रखने का महत्व : शास्त्रों के अनुसार जया एकादशी का व्रत रखने से हर तरह के पापों का नाश हो जाता है। इसकी कथा सुनने मात्र से ही अश्वमेध यज्ञ के बराबर का फल प्राप्त होता है।
अजा एकादशी व्रत एवं पूजा विधि- Jaya ekadashi vrat and puja vidhi:
1. जब भी एकादशी की तिथि प्रारंभ हो रही है तब से ही उसके कुछ समय पूर्व ही व्रत का संकल्प लें।
2. इसके बाद प्रात:काल सूर्योदय के पूर्व उठकर नित्य कर्मों से निवृत्त होकर स्नान और ध्यान करें।
3. इसके बाद भगवान विष्णु के चित्र या मूर्ति को स्नान कराएं और उनके समक्ष दीपक प्रज्वलित करें।
4. अब श्रीहरि विष्णु की षोडषोपचार अर्थात 16 प्रकार की पूजा सामग्री से पूजा करें।
5. पूजा के बाद विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें और तब कथा सुनें या पढ़ें।
7. दिन में निराहार एवं निर्जल व्रत का पालन करें एवं रात्रि में जागरण करके पूजा करें।
8. द्वादशी तिथि यानी दूसरे दिन ब्राह्मण को भोजन कराकर दान-दक्षिणा दें।
9. दान-दक्षिणा देने के बाद व्रत का पारण करें। अर्थात खुद भोजन करें।