1. आज मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi 2021) मनाई जा रही है। इस एकादशी तिथि के स्वामी श्री विष्णु है, इनके पूजन से यह एकादशी पुण्यफल देती है।
2. मार्गशीर्ष एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती एकसाथ मनाई जाती है। अत: भगवान श्री विष्णु तथा भगवान कृष्ण की पूजा करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है तथा पूर्वजों को स्वर्ग तक पहुंचने में मदद मिलती है। अत: इस दिन पूजा-अर्चना करके उपवास रखने और मोक्ष की प्रार्थना करने मात्र से ही मनुष्य का कल्याण होता है, क्योंकि इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने महाभारत युद्ध के समय अपने प्रिय अर्जुन को श्रीमद्भगवद्गीता का उपदेश दिया था। हिंदुओं के पवित्रतम ग्रंथों में से एक श्रीमद्भगवद्गीता है।
3. मोक्षदा एकादशी सभी एकादशियों में समस्त पापों को नष्ट करने वाली, मानसिक शांति देने वाली और पापनाशक मानी गई है।
4. आज का दिन पितरों को मुक्ति के लिए बहुत खास हैं, क्योंकि जिन पितरों को मोक्ष प्राप्त नहीं हुआ है या जो नरक में रह गए हैं, उनके लिए आज के दिन एक लोटे पानी में थोड़े-से काले तिल मिलाकर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके पितृ तर्पण करने से पितरों को वैकुंठ मिलता है।
5. मोक्षदा एकादशी व्रत करने वाले भक्तों के जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट होकर यह मोक्ष दिलाने वाली तथा जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति भी दिलाती है।
6. मार्गशीर्ष एकादशी व्रत रखने से व्रत रखने वाले तथा उनके पितरों के लिए भी मोक्ष के द्वार खुल जाते हैं। mokshada ekadashi
7. यह व्रत करने वाले या इसका महत्व पढ़ने मात्र से व्रतधारियों का यश संसार में सर्वत्र फैलने लगता है तथा अनेक पापों को नष्ट करके मोक्ष का रास्ता दिखलाती है।
8. मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की यह एकादशी वायपेय यज्ञ का फल देने वाली मानी गई है। इस व्रत से बढ़कर मोक्ष देने वाला और कोई व्रत नहीं है।
9. एकादशी के दिन पीली वस्तुओं से भगवान श्री विष्णु का पूजन करने से पूर्ण श्रद्धा के साथ व्रत रखने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
10. हिंदू धर्मशास्त्रों में मोक्षदा एकादशी व्रत सर्वश्रेष्ठ और कल्याणकारी माना गया है। मार्गशीर्ष शुक्ल ग्यारस के दिन एकादशी का उपवास व्रत के नियमों का पालन करते हुए रखने से जीवन में अशुभता का नाश होकर शुभ फलों में वृद्धि होती है।