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आज तुलसी विवाह, जानिए तुलसी जी के 7 विशेष मंत्र

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आज 25 नवंबर 2020 दिन बुधवार को देवउठनी एकादशी है। इसे देवोत्थान प्रबोधनी भी कहा जाता है। 
 
धार्मिक पौराणिक ग्रंथों में तुलसी का बहुत महत्व माना गया है। जहां तुलसी का प्रतिदिन दर्शन करना पापनाशक समझा जाता है, वहीं तुलसी पूजन करना मोक्षदायक माना गया है। 
 
हिन्दू धर्म में देव पूजा और श्राद्ध कर्म में तुलसी आवश्यक मानी गई है। तुलसी पत्र से पूजा करने से व्रत, यज्ञ, जप, होम, हवन करने का पुण्य प्राप्त होता है।
तुलसी के पत्ते तोड़ने के 3 मंत्र : 
 
1 - ॐ सुभद्राय नमः
 
2 - ॐ सुप्रभाय नमः
 
3 - मातस्तुलसि गोविन्द हृदयानन्द कारिणी 
नारायणस्य पूजार्थं चिनोमि त्वां नमोस्तुते ।।
तुलसी को जल देते समय बोलें यह मंत्र और पाएं समृद्धि का वरदान 
 
घर में हरा-भरा तुलसी का पौधा परिवार की पवित्रता और समृद्धि का प्रतीक है। तुलसी पौधे को जल चढ़ाते हुए यह विशेष मंत्र बोला जाए तो समृद्धि का वरदान 1000 गुना बढ़ जाता है। रोग, शोक, बीमारी-व्याधि आदि से छुटकारा मिलता है। 
 
4- महाप्रसाद जननी, सर्व सौभाग्यवर्धिनी
आधि व्याधि हरा नित्यं, तुलसी त्वं नमोस्तुते।। 
हर कामना पूरी करती है तुलसी, पढ़ें विशेष मंत्र 
 
तुलसी की प्रतिदिन पूजन करने से घर में धन-संपदा, वैभव, सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती हैं। प्रतिदिन मां तुलसी से मनोकामना कही जाए तो वह भी निश्चित रूप से पूरी होती है। प्रस्तुत है मां तुलसी के दिव्य मंत्र : 
 
5- तुलसी स्तुति मंत्र : 
 
 देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः 
नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।।
 
6- तुलसी पूजन मंत्र 
 
तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी। 
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।। 
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्। 
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।
 
7- तुलसी नामाष्टक मंत्र... 
 
वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी।
पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।।
एतनामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम।
य: पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।।
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