हिन्दू धर्म में एकादशी का बहुत महत्व है। एक साल 24 एकादशियां आती है, लेकिन मलमास या अधिक मास आता है तो कुल मिलाकर इनकी संख्या 26 हो जाती है।
वर्ष 2018 में उत्पन्ना एकादशी व्रत 3 दिसंबर, सोमवार को है। मार्गशीर्ष कृष्ण एकादशी के दिन उत्पन्ना एकादशी का व्रत किया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु जी की पूजा की जाती है।
आइए जानें कैसे करें व्रत की तैयारी, पढ़ें 10 खास बातें...
* मार्गशीर्ष कृष्ण एकादशी यानी उत्पन्ना एकादशी का व्रत किस प्रकार करना चाहिए। इस विषय में भगवान ने कहा है कि दशमी के दिन सिर्फ दिन के वक्त सात्विक आहार करना चाहिए।
* संध्या काल में दातून करके पवित्र होना चाहिए।
* रात्रि के समय भोजन नहीं करना चाहिए।
* भगवान के स्वरूप का स्मरण करते हुए सोना चाहिए।
* सुबह स्नान करके संकल्प करना चाहिए और निर्जला व्रत रखना चाहिए।
* दिन में भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए।
* पूजा में धूप, दीप एवं नाना प्रकार की सामग्रियों से विष्णु को प्रसन्न करना चाहिए।
* बुरे विचार को त्याग कर सात्विक भाव धारण करना चाहिए।
* रात्रि के समय श्रीहरि के नाम से दीप दान करना चाहिए और आरती एवं भजन गाते हुए जागरण करना चाहिए।
* भगवान कहते हैं कि किसी भी व्यक्ति को जो पुण्य भिन्न-भिन्न धर्म-कर्म से प्राप्त होता है, उन सबसे कई गुना अधिक पुण्य निष्ठापूर्वक इस एकादशी का व्रत करने से प्राप्त होता है। इस प्रकार उत्पन्ना एकादशी का व्रत करता है, उसे हजारों यज्ञों के बराबर पुण्य प्राप्त होता है।