Ekadashi 2023 : फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी कहते हैं। इस व्रत को करने से पितरों को अधोगति या अधोयोनि से मुक्ति मिलती है और वे या तो दूसरा जन्म ले लेते हैं या स्वर्ग लोक की प्राप्ति करते हैं। व्रती को भी इससे लाभ मिलता है। उसको हर कार्य में सफलता मिलती है और सभी जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है।
विजया एकादशी व्रत की पूजा विधि | Vijaya ekadashi vrat puja vidhi :
- तिथि प्रारंभ होने के पूर्व व्रत का संकल्प लें।
- एक दिन पूर्व ही वेदी बनाकर सप्त धान रखें।
- एकादशी के दिन प्रात: स्नान करें और इसके बाद पूजा की तैयारी करें।
- सप्त धान पर मिट्टी का कलश स्थापित करें और पंचपल्लव कलश में रखें।
- कलश पूजा करें और फिर कलश में श्री हरि विष्णु जी की प्रतिमा स्थापित करें।
- इसके बाद श्री हरि की पंचोपचार पूजा करें। धूप, दीप, चंदन, फल, फूल व तुलसी आदि पूजन करें।
- फिर एकादशी कथा का पाठ करें और अंत में आरती करें।
- रात्रि में श्री हरि के नाम का भजन करें।
- अगले दिन ब्राह्मणों को भोजन आदि करवाएं व कलश को दान कर दें।
- इसके बाद व्रत का पारण करें।